Move to Jagran APP

भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए पहल, अब विदेशों से भी योगदान

भव्‍य श्री राम मंदिर निर्माण के लिए हर कोई अपना योगदान देना चाहता है। लेकिन एससीआरए के चलते विदेश से लोग मदद नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में विदेश से मदद देने में अब ये विकल्‍प अपना रहे हैं। आस्ट्रेलिया इंग्लैंड अमेरिका सहित कई देशों से राशि आ रही।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2021 11:40 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2021 11:40 AM (IST)
भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए पहल, अब विदेशों से भी योगदान
श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए विदेश से रिश्‍तेदार धन जुटा रहे।

करनाल, [पवन शर्मा]। अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की तरफ से जारी निधि समर्पण अभियान में अब विदेश से भी धनराशि आने लगी है। हालांकि, इसमें फारेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) का पेंच फंसा हुआ है। लिहाजा, विदेश से निधि समर्पित करने वालों को भारतीय नाते-रिश्तेदारों की मदद लेनी पड़ रही है। इसके तहत आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन व अमेरिका सरीखे देशों से सर्वाधिक भागीदारी की उम्मीद है।

loksabha election banner

अभियान के तहत कई देशों में बसे आप्रवासी भारतीयों ने अपनी-अपनी सामथ्र्य के अनुरूप निधि समर्पित करने की बात कही है। करनाल निवासी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुरुक्षेत्र विभाग संपर्क प्रमुख कपिल अत्रेजा के छोटे भाई डा. गौरव अत्रेजा इंग्लैंड की राजधानी लंदन में सपरिवार बसे हैं। जब उन्हें पता चला कि भारत में श्रीराम मंदिर की परिकल्पना साकार करने के लिए वृहद अभियान चल रहा है तो उन्होंने तुरंत यहां संपर्क किया और समर्पण निधि देने की बात कही। लेकिन एफसीआरए को लेकर उनके मन में भी उलझन पैदा हो गई। ऐसे में, माता संतोष अत्रेजा ने रास्ता निकाला और जो राशि डा. गौरव ने बताई, वह फिलहाल अपनी तरफ से समर्पण निधि के रूप में उन्हें सौंप दी। अब डा. गौरव जब भी भारत आएंगे तो यह राशि उन्हें दे देंगे। इसी तरह गुजरात में बसे उनके बड़े भाई गगन ने भी यही विकल्प अपना कर इस अभियान में सहभागिता की।

अत्रेजा परिवार अकेला नहीं है, जो इस प्रकार विदेश से निधि समर्पित कर रहा है बल्कि करनाल सहित पूरे प्रदेश में कई परिवारों ने इस प्रकार अपना सहयोग दिया है। विश्व ङ्क्षहदू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डा. सुरेंद्र जैन ने इसकी तस्दीक करते हुए बताया कि रोहतक व गुरुग्राम से लेकर चंडीगढ़ तक लोग इसके लिए आगे आए हैं। इससे समर्पण निधि को नया संबल मिला है तो विदेश में बसे भारतीयों के मन में भी अपने आराध्य श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण में सहभागिता को लेकर अलग ही उत्साह का संचार हुआ है।

रामजी करेंगे बेड़ा पार...

समर्पण निधि अभियान में सहभागिता करने वाले निश्चल भाव से ओतप्रोत हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुरुक्षेत्र विभाग संपर्क प्रमुख कपिल अत्रेजा बताते हैं वह इन दिनों जगह-जगह से समर्पण निधि एकत्र कर रहे हैं। बेहद रोचक व प्रेरक अनुभव सामने आ रहे हैं। मसलन, एक तरफ जहां रिक्शा चालक से लेकर मेहनत-मजदूरी तक करने वाले अपनी सामथ्र्य व आस्था के अनुरूप भागीदारी कर रहे हैं वहीं मुस्लिम समाज के लोग भी इस संदेश के साथ आगे आए हैं कि राम तो सबके हैं, इसलिए वह भी यथासंभव योगदान अवश्य करेंगे। सबका यही भाव है कि वे तो निमित्त हैं, सबका बेड़ा तो रामजी को ही पार करना है।

कारगर सिद्ध हो रहा विकल्प : जैन

विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डा. सुरेंद्र जैन ने बताया कि भारत में विदेशी मुद्रा स्वीकार करने के लिए एफसीआरए लागू है। इसके लिए आवेदन किया जा चुका है लेकिन प्रमाण पत्र मिलने में समय लगेगा। लिहाजा, विदेश से समर्पण निधि भेजने वाले भारतीय संपर्कों की मदद ले रहे हैं। कई देशों से ऐसा किया गया है। हरियाणा के कई जिलों में भी यही रास्ता निकाला गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.