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इनकम टैक्‍स रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए बड़ी खबर, देनी होगी बड़ी लेनदेन की जानकारी

इनकम टैक्‍स रिटर्न दाखिल करने वालों से जुड़ी खबर। आयकर विभाग को अब बड़े लेनदेन की जानकारी देनी होगी। आयकर विभाग का आईटी तंत्र मजबूत हो गया है। 10 लाख से ऊपर का लेनदेन पर आयकर विभाग की नजर है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 08:55 AM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 08:55 AM (IST)
इनकम टैक्‍स रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए बड़ी खबर, देनी होगी बड़ी लेनदेन की जानकारी
रिटर्न दाखिल करने से पहले देनी होगी लेनदेन की जानकारी।

पानीपत, जागरण संवाददाता। आयकर विभाग आपकी रिटर्न दाखिल करने से पहले ही आपको बड़े लेनदेन की जानकारी देेगा। वार्षिक सूचना विवरण में जानकारी देने से करदाता बड़े लेन देन आयकर विभाग से छिपा नहीं सकेंगे। बचत खाते में एक साल में 10 लाख या उससे अधिक और चालू खाते में एक हो अधिक में 50 लाख या उससे अधिक नकद जमा या निकासी हुई होगी तो उसकी जानकारी करदाता को रिटर्न फाइल करने से पहले दी जाएगी।

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आयकर विभाग ने आइटी विंग इतना मजबूत कर लिया है। अब कोई भी लेनदेन करने पर छिपाया नहीं जा सकेगा। अब तक जो सूचनाएं दो से तीन वर्ष बाद मिलती थीं, अब वो तेजी से उनसे पास आ जाती हैं। ऐसे में करदाता के पास यह मौका ही नहीं होगा कि वह अपने बड़े लेनदेन आयकर विभाग को बताए या नहीं क्योंकि खुद आयकर विभाग उसके पोर्टल पर यह जानकारी डाल देगा। हालांकि करदाता के पास एक विकल्प होगा कि अगर कोई लेनदेन जो नजर आ रहा है, वह उससे संबंधित नहीं है तो वह उसे हटा सकते हैं।

अब तक यह था प्रविधान

सीए भूपेंद्र दीक्षित ने बताया कि अब तक आयकर विभाग बड़े लेन देन के मामले में जानकारी होने पर करदाता को नोटिस जारी करता था। अब रिटर्न फाइल करने से पहले आयकर विभाग बता देगा कि करदाता के बड़े लेनदेन कौन-कौन से हैं। इस आशय के केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आदेश जारी कर दिए हैं।

आयकर विभाग की तीसरी आंख की इन बड़े लेन देन पर नजर

1.किसी बचत खाते में एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख या अधिक जमा होने पर।

2. एक या अधिक बैंक के चालू खाते से 50 लाख की नकद जमा या निकासी।

3.क्रेडिट कार्ड से दो लाख या उससे अधिक के भुगतान।

4.म्युचुअल फंड में दो लाख या उससे अधिक मिलने पर।

5.पांच लाख या उससे अधिक के बांड, ऋण पत्र किसी कंपनी से मिलने पर

6.किसी कंपनी से एक लाख या अधिक के शेयर मिलने पर।

7. तीस लाख से अधिक मूल्य की अचल संपत्ति की खरीद व बिक्री।

8.रिजर्व बैंक के पांच लाख या अधिक के बांड मिलने पर।


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