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पंचकूला में बिजली निगम एमडी के सामने उद्योगपतियों ने रखी समस्याएं

एमडी ने जल्द ही सभी समस्याओं का निवारण कराने का आश्वासन भी दिया। साथ ही एक या दो माह में उद्योगपतियों के साथ बैठक कर समस्या जानने की बात भी कहीं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 06:29 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 06:29 AM (IST)
पंचकूला में बिजली निगम एमडी के सामने उद्योगपतियों ने रखी समस्याएं
पंचकूला में बिजली निगम एमडी के सामने उद्योगपतियों ने रखी समस्याएं

जागरण संवाददाता, पानीपत: शहर के उद्योगपतियों ने मंगलवार को पंचकूला में बिजली निगम के एमडी शशांक आनंद के सामने अपनी बिजली निगम से संबंधित समस्याएं रखीं। एमडी ने जल्द ही सभी समस्याओं का निवारण कराने का आश्वासन भी दिया। साथ ही एक या दो माह में उद्योगपतियों के साथ बैठक कर समस्या जानने की बात भी कहीं।

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एमडी से मिलने के लिए पानीपत इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन पानीपत के अध्यक्ष प्रीतम सचदेवा, पवन गर्ग, सेक्टर 29 पार्ट वन के प्रधान श्रीभगवान अग्रवाल व धनराज बंसल पहुंचे थे। बैठक में रोहतक रेंज के सभी जिलों के एससी भी ऑनलाइन जुड़े थे। ये रखीं समस्याएं

--बिजली से संबंधित उपभोक्ता को होने वाली लाभ व हानि का समायोजन एसडीओ कार्यालय से ही होना चाहिए। न की हेड आफिस पंचकूला से। एमडी ने जल्द निवारण का समाधान दिया। --कोई उपभोक्ता अपना काम खुद का सामान खरीदकर कराना चाहता है तो उसे यूएचबीवीएन के सब डिवीजन कार्यालय के स्टोर से ही सामान लेना पड़ता है। अगर स्टोर में सामान नहीं होता है तो मेन स्टोर धूलकोट जाना पड़ता है। वहां से किसी भी स्टोर से सामान न मिलने पर एनए देते हैं। तब जाकर उपभोक्ता बाहर से सामान खरीद पाता है। ऐसे में एनए सब डिवीजन कार्यालय के स्टोर से ही मिले। आश्वासन : एमडी ने कहा कि स्टोर में सामान न मिलने पर उपभोक्ता विभाग द्वारा अधिकृत कंपनी से सीधे सामान लेकर लगवा सकेंगे। --एमएस कनेक्शन की रेंज हरियाणा में 50 किलोवाट है। इसे बढ़ाकर बाकी राज्यों की तरह 100 किलोवाट किया जाए। तमिलनाडू व कर्नाटक की तरह एलएस कनेक्शन के टैरिफ रेट से दो रुपये प्रति यूनिट कम करना चाहिए। ताकि लघु उद्योगों को हरियाणा राज्य में बढ़ावा मिले तथा पुराने लघु उद्योग को मजबूत हो। --इंडिपेंडेंट फीडर पर केवल पांच ही कनेक्शन मान्य है, जिसको बढ़ाकर कम से कम दस कनेक्शन किया जाना चाहिए। --किसी भी फैक्टरी के लोड बढ़वाने तथा नए कनेक्शन के लिए यूएचबीवीएन के साथ साथ एचवीपीएन का भी अनुमति लेनी पड़ती है। जबकि उपरोक्त काम को यूएचबीवीएन ही कर देता है। इससे उपभोक्ता को ज्यादा दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इस काम के लिए केवल यूएचबीवीएन को ही अधिकृत किया जाए। --इंडिपेंडेंट फीडर पर मरम्मत कार्य के चलते काफी समय तक बिजली सप्लाई प्रभावित रहती है। इसको लेकर जल्द काम हो सके, ऐसी व्यवस्था हो। आश्वासन : इंडिपेंडेंट फीडरों पर मरम्मत व अन्य कार्य को लेकर जल्द से अलग से जेई व एसडीओ की नियुक्ति की जाएगी। --नई इंडस्ट्री को लगाने पर सरकार की तरफ से ईडी की छूट मिली हुई है। जो पंद्रह साल तक मिलती है। लेकिन उसे हर माह बिल में जोड़कर भेज दिया जाता है। फिर उसे एडजस्ट कराने के लिए निगम कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

आश्वासन : जल्द ही उक्त समस्या का समाधान होगा। इसको लेकर एक साफ्टवेयर अपडेट कराया जाएगा, ताकि चयनित इंडस्ट्री के बिल में उक्त चार्ज लगकर ही न आए।


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