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उद्योग बंदी के खिलाफ सड़क पर उद्यमी

प्रदूषण स्तर बढ़ने पर एन्वायरमेंट प्रीवेंशन एंड कंट्रोल अॅथॉरिटी की तरफ से बार-बार उद्योगों को बंद करने के आदेश के खिलाफ सोमवार को हजारों वर्करों के साथ उद्यमी सड़क पर उतर गए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 09:40 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 06:15 AM (IST)
उद्योग बंदी के खिलाफ सड़क पर उद्यमी
उद्योग बंदी के खिलाफ सड़क पर उद्यमी

जागरण संवाददाता, पानीपत : प्रदूषण स्तर बढ़ने पर एन्वायरमेंट प्रीवेंशन एंड कंट्रोल अॅथॉरिटी की तरफ से बार-बार उद्योगों को बंद करने के आदेश के खिलाफ सोमवार को हजारों वर्करों के साथ उद्यमी सड़क पर उतर गए। सेक्टर 25 स्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय पर सुबह 11 बजे रोष प्रदर्शन किया। सरकार व ईपीसीए के खिलाफ नारेबाजी की। उद्यमियों ने कहा कि 17 दिनों से उद्योग बंद पड़े हैं। करोड़ों रूपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। कोई उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है। हालात बिगड़ते जा रहे हैं। उद्योगों को अब और ज्यादा दिन तक बंद रखने के आदेश आएं तो वर्करों सहित उद्यमी डीसी कार्यालय पर धरने पर बैठ जाएंगे।

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मौके पर तहसीलदार डॉ. कुलदीप सिंह भी पहुंचे। 40 मिनट तक रोष प्रदर्शन करने के बाद श्रमिकों सहित उद्यमियों ने बोर्ड कार्यालय से लेकर लघु सचिवालय तक पैदल रोष मार्च निकाला। नारेबाजी करते हुए श्रमिक सचिवालय तक पहुंचे। हाथों में विभिन्न स्लोगन लिखी तख्तियां ले रखे थे। जिन पर लिखा था दिल्ली में जहर पानीपत में कहर, हमारे उद्योगों के कागजात पूरे फिर भी हम बुरे हैं। डीसी के सौंपा ज्ञापन

लघु सचिवालय में पहुंचने पर डीसी सुमेधा कटारिया प्रर्दशनकारियों के बीच ज्ञापन लेने पहुंची। उद्यमियों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। डीसी ने कहा कि उद्यमी जहां कहेंगे ज्ञापन वहीं भेज देंगी। उन्होंने मुख्य सचिव को इस मामले से अवगत कराने की बात कही।

ज्ञापन में सात मांगे

ज्ञापन में कहा गया कि उद्योग प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सभी नियमों का पालन कर रहे हैं। सभी उद्योगों में ऑनलाइन मॉनिटरिग सिस्टम लगा है। जो कि हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जुड़े हैं। हर मिनट की जांच होती है। यदि कोई उद्योग प्रदूषण फैला रहा हो तो उसे बंद किया जाए। सभी उद्योगों का बंद क्यों किया जा रहा है। उद्योग बंद होने के बाद भी प्रदूषण

दिवाली के दौरान 26 अक्टूबर से उद्योग बंद रहे। उद्योग चले ही नहीं तो उनका प्रदूषण दिल्ली कैसे पहुंच गया। दिल्ली का प्रदूषण स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। इसके लिए अकेले उद्योग दोषी नहीं है। यदि उद्योग दोषी होते तो उनके बंद होने पर प्रदूषण का स्तर सुधरना चाहिए। समय पर आदेश जारी होने चाहिए

हर दूसरे तीसरे दिन ईपीसीए उद्योग बंद के आदेश जारी कर देता है। आदेश शाम को जारी होते हैं। जिससे वर्कर को भी समय पर उद्यमी बता नहीं पा रहे। यदि और अधिक दिनों तक उद्योग बंद रहते हैं। तो श्रमिकों में की परेशानी बढ़ जाएगी। पिछले 15 दिनों से श्रमिक घरों पर बैठने पर मजबूर हैं। यदि उद्योग धंधे बंद हो जाएंगे तो लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ सकती है। एग्रो अवशेष पर प्रतिबंध नहीं फिर उद्योगों पर प्रतिबंध क्यों

ईपीसीए के आदेशों में स्पष्ट है कि पीएनजी और एग्रो अवशेष जलाने वाले उद्योगों को बंद नहीं किया जाएगा, लेकिन एग्रो बेस अवशेष जलाने वाले उद्योगों को भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी चलने नहीं दे रहे।

600 करोड़ का निर्यात प्रभावित, उद्योगों की पूरी चेन प्रभावित

निर्यात उद्योगों की आर्डर रुक गए हैं। इससे पानीपत की इमेज विदेशों में खराब हो रही है। एक बार यदि उनके आर्डर दूसरे एशियन देशों में शिफ्ट हो गए तो देश को विदेशी मुद्रा का नुकसान भी उठाना पड़ेगा। सभी उद्योग एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इससे उद्योगों के साथ-साथ ट्रेडर्स, ट्रांसपोर्टर व केमिकल व्यापारी पूरी की पूरी चेन प्रभावित हो रही है। पुलिस को कुछ न करने के निर्देश दिए

हजारों वर्करों के सड़क पर आ जाने के कारण कोई हादसा न हो जाए इसे लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क रहा। तहसीलदार डॉ. कुलदीप सिंह मौके पर मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए। वहीं पुलिस को कुछ भी न करने के लिए कहा गया था। प्रशासन ने ज्ञापन लेने के बाद उद्यमियों को कहा कि वे अपनी-अपनी लेबर ले जाए।

32 औद्योगिक व्यापारिक एसोसिएशन का समर्थन रहा

रोष प्रदर्शन को 32 औद्योगिक व्यापारिक एसोसिएशन ने समर्थन दिया। जिन उद्योगों पर प्रतिबंध नहीं था उनके प्रतिनिधि श्रमिक भी रोष प्रदर्शन में शामिल रहे। रोष प्रदर्शनकारियों में मुख्य रूप से पानीपत डायर्स एसोसिएशन के भीम राणा, सेक्टर 29 इंडस्ट्रियल एरिया एसोसिएशन के प्रधान श्रीभगवान अग्रवाल, रोटर स्पिनर्स के प्रधान प्रीतम सिंह, काबड़ी स्पिनिग मिल एसोसिएशन के जगदीश जैन, बापौली इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रधान नरेश गुप्ता, आल इंडिया स्पिनिग मिल एसोसिएशन के प्रधान सुरेश गुप्ता, मिक पोलर एसोसिएशन के रमन, नीरज शर्मा, एक्सपोर्टर एसोसिएशन के ललित गोयल, विनित शर्मा, सुरेश गुप्ता, राजीव अग्रवाल, विनोद ग्रोवर, एचएस धम्मू, पुरुषोत्तम शर्मा, संजय अग्रवाल आदि शामिल रहे। रोष प्रदर्शन में वेतन बढ़ाने की मांग

रोष प्रदर्शन के दौरान श्रमिकों ने मजदूर एकता जिदाबाद के नारे लगाए। फैक्ट्री मालिकों से वेतन बढ़ाने की मांग की। उद्यमियों ने कहा कि उद्योग बंद होने के कारण उनका वेतन मिलना मुश्किल है। इस पर श्रमिकों ने मजदूर मालिक भाई-भाई के नारे लगाए। वर्करों ने विडियो भी बनाए। सेल्फी भी ली। पांच लाख वर्कर बेरोजगार : भीम राणा

पानीपत डायर्स एसोसिएशन के प्रधान भीमा राणा कहा कि पांच लाख वर्करों का रोजगार छीना जा रहा है। करनाल भी एनसीआर में आता है वहां के उद्योग बंद क्यों नहीं किए गए? हमारे साथ भेदभाव किया जा रहा है। हम चाबियां प्रशासन को सौंप देते हैं। इन वर्करों को प्रशासन संभाल ले। सोनीपत की हवा ठीक है। यदि पानीपत की हवा से दिल्ली पर असर है तो सोनीपत पर क्यों नहीं। बैंक की किश्त सरकार दे, बिजली बिल भरे, मजदूरों को रोजगार दे : नरेश गुप्ता

बापौली इंडस्ट्री एसोसिएशन के नरेश गुप्ता ने कहा कि उद्योगों का बंद कर दिया गया है। हमारे ऊपर बैंक का ब्याज पड़ रही है। बिजली, पानी की बिल अलग से भरने है। श्रमिकों का वेतन देना है। सरकार यह व्यवस्था करें। सरकार कहेगी तो हम एक महीने तक उद्योग बंद करने के लिए तैयार है। हमारी समस्या को भी देखा जाए। हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स ने लिखा सीएम व मुख्य सचिव को पत्र

हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स चैप्टर पानीपत के चेयरमैन विनोद खंडेलवाल ने बताया कि उद्योगों को बंद करना गंभीर मामला है। इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल व ईपीसीए के चेयरमैन डॉ. भूरेलाल को ई-मेल की गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उद्योगों पर लगा प्रतिबंध हटाने की मांग की गई है। यदि यही हालत रहे तो पानीपत का उद्योग पलायन कर जाएगा। 443 पर एक्यूआइ इंडेक्स

सोमवार को प्रदूषण स्तर फिर से बढ़ गया। हवा की गति काफी कम रही। एयर क्वालिटी इंडेक्स 443 पर पहुंच। बीते रविवार की शाम 350 एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज किया गया था।


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