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भारत की एक और उपलब्धि: मोजांबिक के रेल ट्रैक पर अगले माह दौड़ेंगे भारत में बने रेल डिब्बे

मोजांबिक के रेल ट्रैक पर अगले महीने भारत में बने रेल डिब्बे उतरेंगे। बिहार के माडर्न कोच फैक्ट्री में 90 डिब्बे तैयार हो रहे हैं। वहीं रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला सेनेगल को रेल डिब्बों की सप्लाई कर चुका है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 11 Mar 2021 07:38 PM (IST)Updated: Thu, 11 Mar 2021 07:38 PM (IST)
माडर्न कोच फैक्ट्री बिहार द्वारा मोजांबिक के लिए तैयार किया जा रहा रेल डिब्बा।

अंबाला, [दीपक बहल]। मेड इन इंडिया की छाप अब विदेशों तक पहुंचने लगी है। भारत में तैयार हुई एक रैक (एक ट्रेन) अगले माह मोजाम्बिक की रेल पटरियों पर दौड़ती नजर आएगी। बिहार की माडर्न कोच फैक्ट्री (एमसीएफ) में 90 डिब्बे तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें से एक रैक 31 मार्च 2021 से पहले मोजाम्बिक के लिए रवाना करना है, जबकि सभी डिब्बे जुलाई 2021 तक बनाकर दिए जाएंगे। हालांकि संभावनाएं हैं कि इसकी समय सीमा बढ़ सकती है।

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इन में डिब्बे एसी रेस्टोरेंट कार के तैयार किए जा रहे हैं, जिसमें 30 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी। मोजांबिक के लिए तैयार हो रहे डिब्बे केप गेज कोच होंगे, जिनकी लंबाई और चौड़ाई भारतीय डिब्बों से कम होगी, जबकि ऊंचाई भारतीय डिब्बों से थोड़ी ही कम है। एक ट्रेन में आठ स्तर के रेल डिब्बे बनाए जानें हैं, जो अलग-अलग स्टैंडर्ड के होंगे। इसी तरह पंजाब की रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) कपूरथला में भी घाना में रेल डिब्बे सप्लाई देने की बातचीत चल रही है। दो साल पहले टीम ने घाना के रेल विकास मंत्री ने आरसीएफ का दौरा भी किया था। इन डिब्बों का रंग हरा और सफेद है।

इस श्रेणी के डिब्बे भेजे जाएंगे मोजांबिक

कोच                                 संख्या                 रिमार्क

प्रथम श्रेणी एसी 2 टीयर                 6                सिटिंग कैपेसिटी 30 यात्री

द्वितीय श्रेणी एसी 3 टीयर                 12                सिटिंग कैपेसिटी 48 यात्री

नॉन एसी तृतीय श्रेणी                 20                सिटिंग कैपेसिटी 66 यात्री, दो दिव्यांग के लिए

द्वितीय श्रेणी एसी सिटिंग कोच        10                सिटिंग कैपेसिटी 56 यात्री

एसी रेस्टोरेंट कार                 4                सिटिंग कैपेसिटी 30 यात्री

जैनरेटर कार                         4                सिटिंग कैपेसिटी 6, क्रू मेंबर व गार्ड

लगेज वैन                         4                सिटिंग कैपेसिटी 6, क्रू मेंबर

डीईएमयू रैक                        5                सिटिंग कैपेसिटी 60 यात्री डीटीसी व

(6 कोच का सेट : 1 डीपीसी                        87 यात्री टीसी में

4 टीसी व 1 डीटीसी)

इस तरह से डिब्बों का आकार

पैरामीटर                 एलएचबी कोच                केप गेज कोच

                        (लिंक हॉफमैन बॉश)        (मोजांबिक रेलवे)

लंबाई                         24000 एमएम                 20300 एमएम

कोच की ऊंचाई                 4039 एमएम                3955 एमएम

कोच की चौड़ाई                 3240 एमएम                2950 एमएम

आरसीएफ कपूरथला विदेशों में सप्लाई कर चुका है डिब्बे

रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला विदेशों में रेल के डिब्बे सप्लाई कर चुका है। आरसीएफ की स्थापना सन 1985 में हुई थी। यहीं से एलएचबी कोच भी भारतीय रेल को दिए गए। इसके अलावा आरीएफ कपूरथला ने वियतनाम में मीटर गेज की बोगियां बनाईं। इसके अलावा अफ्रीकन देशों सेनेगल, माली, बेनिन के अलावा म्यांमार को रेल डिब्बे सप्लाई किए। इसके अलावा सन 2016-17 में बांग्लादेश के लिए आरसीएफ कपूरथला ने स्टेनलेस स्टील के 120 रेल डिब्बे तैयार किए। अब हाल ही में घाना के रेल विकास मंत्री जो घार्टे अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ आरसीएफ आए। उनके साथ घाना के भारत में उच्चायुक्त माइकल ओक्यो भी रहे, जबकि रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनामिक सॢवस लिमिटेड (राइट्स) के अधिकारी भी मौजूद थे। राइट्स ने ही एमसीएफ को यह कोच बनाने का जिम्मा सौंपा है।

इस तरह से तैयार हुआ कोच का डिजाइन

मोजांबिक को भेजे जाने वाले रेल कोच का डिजाइन देश में पटरियों पर दौड़ रहे रेल डिब्बों से पूरी तरह अलग है। इसके लिए अलग से डिजाइन तैयार किया गया। मोजाम्बिक की रेल कोच को लेकर जो डिमांड थी, उसके आधार पर इसे तैयार किया जा रहा है। मोजाम्बिक की ओर से रेल डिब्बों लेकर पैरामीटर बताए गए थे, जबकि यह भी बताया कि रेल लाइनों पर कितने और किस डिग्री के घुमाव (कर्व) हैं, इसकी जानकारी दी गई।

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