हरित क्रांति के अगुआ बनी खाकी
खाकी वर्दी में हरित क्रांति के अगुआ बने आइपीएस डॉ. अरुण नेहरा।
कर्मपाल गिल, जींद
खाकी वर्दी वाले पुलिस अफसरों के बारे में आम लोगों के दिलोदिमाग में अक्सर यही धारणा बनी रहती है कि वह कठोर इंसान होगा। उनके अंदर संवेदनशीलता खत्म हो चुकी होगी, लेकिन आइपीएस डॉ. अरुण नेहरा इस धारणा को पूरी तरह बदल रहे हैं। आम लोगों को न्याय दिलाने के साथ वह पर्यावरण संरक्षण के प्रति काफी गंभीर हैं। वह हर साल पांच हजार पौधे लगवाते हैं।
दैनिक जागरण से खास बातचीत में डॉ. नेहरा ने बताया कि हर साल पेड़ कटते ज्यादा हैं और लगते कम हैं। इससे पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। लगातार जहरीली होती हवा को शुद्ध रखने और दूसरे लोगों को प्रेरित करने के लिए दस साल पहले पुलिस लाइन, थानों और चौकियों में पौधे लगाने की शुरुआत की थी। तब से हर साल पांच हजार पौधे लगवाता हूं। यमुनानगर, अंबाला, सोनीपत आदि में पो¨स्टग रही है। वहां पौधरोपण कराया है। अब तक 50 हजार से ज्यादा पौधे लगवा चुका हूं। सोनीपत में तीन साल एसएसपी रहा, इस दौरान वहां साढ़े 17 हजार से ज्यादा पौधे लगवाए। इससे पुलिस कर्मचारियों में पर्यावरण के प्रति चेतना पैदा होती है। इस बार जींद में भी पांच हजार पौधे लगवाए जाएंगे। इसके लिए जिला वन अधिकारी रोहताश बिरथल से बात हो चुकी है। अगले कुछ दिनों में ही डीसी और सेशन जज के साथ पुलिस लाइन से इस अभियान की शुरुआत की जाएगी। सभी थानों और चौकियों में पौधरोपण के अलावा पुलिस कर्मचारियों को भी दो-दो पौधे दिए जाएंगे। ये सभी पौधे फलदार होंगे। इनमें जामुन, शहतूत सहित दूसरे पौधे भी होंगे। पर्यावरण के प्रति यह जुनून कैसे शुरू हुआ, इस पर डॉ. नेहरा ने बताया कि आइपीएस डॉ. सुमन मंजरी भी पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक हैं। उनसे हुई मी¨टग के बाद यह मुहिम शुरू की थी।
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हर खुशी के मौके पर लगाएं पौधे
आइपीएस डॉ. अरुण नेहरा कहते हैं कि घरों में खुशी के मौके पर मिठाई खाने के साथ पौधे लगाने चाहिए। घर में किसी का भी बर्थ-डे या अन्य कोई उत्सव, पौधरोपण करना चाहिए। यह चेन सिस्टम पर्यावरण को सुधारने के साथ दूसरों के लिए भी प्रेरणा का काम करेगा। घरों में जामुन, आम के फलदार पौधे लगाने से एक पंथ दो काज की कहावत भी सफल होती है।