बदले समीकरण में प्रत्याशी नहीं पढ़ रहे वोटरों के मन की बात
वोटर की नब्ज टटोलने बाइक पर सनौली रोड पर निकला। करीब आठ किमी चलने के बाद छाजपुर गांव पहुंचा। बिजली निगम कार्यालय के सामने ढाबे पर बिजली बिल भरने आए कुछ युवा और बुजुर्ग चाय की चुस्कियां ले रहे थे।
अजय सिंह, पानीपत
वोटर की नब्ज टटोलने बाइक पर सनौली रोड पर निकला। करीब आठ किमी चलने के बाद छाजपुर गांव पहुंचा। बिजली निगम कार्यालय के सामने ढाबे पर बिजली बिल भरने आए कुछ युवा और बुजुर्ग चाय की चुस्कियां ले रहे थे। मैंने भी बाइक रोक दी। बैठते ही युवक ने बिल में गड़बड़ी से बात कही। चर्चा धीरे-धीरे विधानसभा चुनाव पर पहुंच गई।
बापौली से आए रमेश ने कहा कि इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर होने वाली है। दोनों ही प्रत्याशी चुनाव जीतने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। इस चुनाव के परिणाम के बाद ही बिजली बिलों से संबंधी इन समस्याओं का फैसला हो पाएगा। पास बैठे मोनू ने भी हामी भरते हुए बात आगे बढ़ाई। उसने कहा कि ताऊ प्रत्याशी इस बार जनता के मन की बात नहीं पढ़ पा रहे हैं। किसी को नहीं मालूम की कौन सा प्रत्याशी चुनाव में दूसरों पर भारी पड़ेगा। पिछली सरकार में हलके में बढि़या विकास कार्य कराए गए। एक अन्य बुजुर्ग ने उसे बीच में टोकते हुए कहा कि चुनाव देखते-देखते हमारी भी दाढ़ी के बाल सफेद हो गए। चुनाव जीतने के बाद दो-तीन साल तो नेता नजर नहीं आते, आखिरी दो साल में विकास कार्य करा खुद को जनता का सेवक दिखाने की कोशिश करते हैं। सरकार चाहे कोई भी हो, आम आदमी को तो मेहनत करके ही खाना है। हमें शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और रोजगार देने वाली सरकार की जरूरत है। इसलिए वोट डालते समय भाईचारा नहीं, देश की उन्नति का ख्याल रखना जरूरी है। आस-पास मौजूद सभी लोगों ने उसकी बात को सही ठहराया। कार्यालय में लंच का समय खत्म होते ही अधिकतर लोग उठकर कार्यालय चले गए।