Haryana Assembly Election 2019: अब मैदान-ए-जंग में स्टार और जोड़-तोड वार Panipat News
पानीपत की धरती पर 16 अक्टूबर को बापौली में अमित शाह रैली को संबोधित करेंगे। वहीं सेक्टर 13-17 में मयावती की जनसभा करेंगी।
पानीपत, जेएनएन। मतदान में एक सप्ताह ही बचा है। सभी दलों और निर्दलीयों ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। अब चुनावी रण में जहां स्टार प्रचारक दमखम दिखाएंगे, वहीं नेताओं को अपने पाले में लाने और वोटरों को रिझाने की राजनीति तेज हो गई है। भाजपा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का 14 अक्टूबर का दौरा स्थगित करने के बाद 16 अक्टूबर को बापौली में निर्धारित कर दिया है। अब तक खामोश बसपा ने भी सुप्रीमो मायावती की रैली इसी दिन सेक्टर 13-17 के ग्राउंड तय कर दी है। दोनों नेताओं का जनसभा स्थल 15 किलोमीटर की परिधि में होगा। 15 अक्टूबर को पीएम नरेंद्र मोदी कुरुक्षेत्र के थानेसर में जीटी रोड बेल्ट की रैली करने आ रहे हैं।
भाजपा के रोहतक संगठन कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक बुधवार को रैली का समय सुबह 9:30 बजे रखा गया है। इस रैली में पानीपत ग्रामीण, इसराना और समालखा विधानसभा के हजारों कार्यकर्ता शामिल होंगे। अमित शाह मंच से पार्टी कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे।
बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बोले, पेंडिंग वर्क पूरा करें
जीटी रोड स्थित एक होटल में भाजपा चुनाव संचालन समिति के कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। इसमें राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष ने कार्यकर्ताओं को नसीहत दी कि अब मतदान में कुछ ही दिन बाकी हैं। किसी तरह का पेंडिंग वर्क हो तो उसे जल्द से जल्द निपटा दें। देर शाम एक घंटा चली। चुनाव संचालन समिति की इस बैठक में चारों विधानसभाओं से 25-25 कार्यकर्ता बुलाए गए थे। चुनावी तैयारी से लेकर पार्टी संगठन के कार्यों पर चर्चा हुई। समालखा से एक महिला कार्यकर्ता भी इस बैठक में मौजूद रहीं। राष्ट्रीय महामंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव में 51.02 फीसद वोट महिलाओं ने दिए। कार्यकर्ताओं को नसीहत दी कि बैठक समाप्त होने से पहले प्रत्येक विधानसभा से 2-2 महिलाओं का नाम चुनाव संचालन समिति में अनिवार्य रूप से शामिल करें। इस अवसर पर कार्यकारी जिलाध्यक्ष देवेंद्र दत्ता, उपाध्यक्ष सुनील सोनी, जिला महासचिव राममेहर मलिक और तरुण गांधी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
कट्टर विरोधियों और विपक्षी लग रहे गले
मतदान का दिन नजदीक आता देख पानीपत शहरी सीट पर रूठों को मनाने और विपक्षियों को गले लगाने का सिलसिला तेज हो गया है। पार्षद बनीं शकुंतला गर्ग, सुमन छाबड़ा, चंचल डाबर सहित कई अन्य विराधियों को मना कर जीत का फसला बढ़ाने के लिए भाजपा ने सबसे बड़ी चुनावी चाल खेल दी है। भाजपा मंच पर आए नेताओं से बात हुई तो तुझे कोई और नहीं-मुझे कोई ठोर नहीं जैसी स्थिति हो गई है।
सरकार के साथ चलने से सधेंगे काज
कांग्रेस के समर्थन से वार्ड-14 की पार्षद बनीं एसडीवीएम की शिक्षिका शकुंतला गर्ग राजनीति में बेशक नई हैं, लेकिन चुनाव के रुख को पहचानने का दावा करती हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मुहल्लावासियों के कहने पर पार्षद का इलेक्शन लड़ा था। उन्हीं लोगों के कहने से भाजपा में ज्वाइन की है।
कभी चंचल को ठुकराया, आज गले लगाया
दिसंबर 2019 में हुए नगर निकाय के चुनाव और वार्ड-22 से चंचल डाबर की जीत के बाद का राजनीतिक ड्रामा शहरवासी भूले नहीं होंगे। विधायक पति सुरेंद्र रेवड़ी उन्हें भाजपा में ज्वाइन कराना चाहते थे। पार्टी जिलाध्यक्ष प्रमोद विज और मंत्री कृष्णलाल पंवार को मंच साझा करना था, लेकिन समय से नहीं पहुंचे। चंचल समर्थकों ने खूब हो-हल्ला किया था। अब चंचल को मना लिया गया है। चंचल भी सत्ता के साथ चल रही हैं।
पहले भी भाजपा में थे, अब भी भाजपाई
वार्ड 15 की पार्षद सुमन छाबड़ा ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। अब वे और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान से जुड़े उनके पति सुरेश छाबड़ा भाजपा में शामिल हो गए हैं। बातचीत में उन्होंने बताया कि पहले से भाजपा में हैं और रहेंगे। नगर निकाय चुनाव में भाजपा ने सुरेंद्र गर्ग को टिकट दे दिया था। हालांकि, बाद में उनकी फाइल गुम हो गई थी और गर्ग चुनाव नहीं लड़ सके थे। निर्दलीय चुनाव लड़ा था।
35 साल से राजनीति में, कोई लालसा नहीं
किसान खेत मजदूर कांग्रेस हरियाणा के उपाध्यक्ष रहे रणबीर देसवाल ने टिकट बंटवारे से खफा हो 4 अक्टूबर को त्याग पत्र दे दिया था। शनिवार को उन्होंने भी समर्थकों संग भाजपा का दामन थाम लिया है। उम्मीदों और कारण पूछने पर बताया कि 35 साल से राजनीति में सक्रिय रहने के बाद भी कोई लालसा नहीं है। इनेलो के बाद पांच साल कांग्रेस में रहा। कांग्रेस खत्म होने की कगार पर है। देसवाल के मुताबिक राजनीति समाजसेवा का माध्यम है, इसलिए भाजपा ज्वाइन की।
शहरवासी इनेलो को पसंद नहीं करते
हैंडलूम व्यापारी सुरेश सैनी करीब 20 साल से इनेलो से जुडे हैं। पार्टी ने उन्हें शहरी सीट से टिकट भी दिया। शनिवार को उन्होंने भाजपा का दामन थामकर बीच चुनाव में बिखर चुकी इनेलो को तगड़ा झटका दे दिया। सुरेश सैनी ने तो दो टूक कहा कि शहर के मतदाता इनेलो को पसंद नहीं करते।