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Haryana Panipat Weather Update: पश्चिमी विक्षोभ का असर, पानीपत सहित हरियाणा के कई जिलों में बारिश

Haryana Panipat Weather Update हरियाणा में पश्चिमी विक्षोभ का असर दिखाई दे रहा है। सुबह मौसम में परिवर्तन रहा। पानीपत करनाल सहित कई जिलों में सुबह बादल छाए और बारिश हुई। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो अभी ओलावृष्टि की संभावना है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 12 Mar 2021 09:58 AM (IST)Updated: Fri, 12 Mar 2021 10:01 AM (IST)
Haryana Panipat Weather Update: पश्चिमी विक्षोभ का असर, पानीपत सहित हरियाणा के कई जिलों में बारिश
कुरुक्षेत्र में सुबह हल्‍की बारिश हुई है।

पानीपत, जेएनएन। पानीपत सहित हरियाणा के कई जिलों में शुक्रवार सुबह मौसम का मिजाज बदल गया। सुबह से ही बादल छा गए। कई जिलों में हल्‍की बारिश भी हुई। वहीं मौसम विशेषज्ञों की मानें पश्चिमी विक्षोभ की वजह से मौसम में बदलाव हो रहा है। 

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पानीपत में सुबह 7.35 पर गरज चमक के साथ बारिश शुरू हो गई। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार बारिश हुई। तापमान में हल्की गिरावट भी हुई। सुबह से बादल छाए रहे। अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहा। न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, में भी गरज के साथ बूंदाबांदी शुरू। सुबह ही बादल छा गए थे। 

मौसम विशेषज्ञों की मानें तो आज दिन में बारिश और आंधी आने की भी संभावना है। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान की मानें तो पश्चिमी विक्षोभ का व्‍यापक असर दिखाई दे सकता है। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में मौसम परिवर्तन का सिलसिला जारी रहेगा। इधर कृषि एवं कल्याण विभाग ने बदलते मौसम पर चिंता जाहिर की। डा. एसपी तोमर ने कहा कि गेहूं की फसल में दाना बनने की प्रक्रिया जोरों पर है। यदि तेज हवा के साथ बरसात व ओलावृष्टि होती है तो उसका सीधा नुकसान किसानों को झेलना पड़ सकता है। 

कैथल में शुक्रवार सुबह हुई बूंदाबांदी, गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद

शुक्रवार सुबह बूंदाबांदी हुई। इससे मौसम सुहावना हो गया। बता दे कि इससे पहले  एक सप्ताह से तापमान में बढ़ोतरी हो रही थी, लेकिन शुक्रवार सुबह पांच बजे मौसम में बदलाव के बाद हल्की बूंदाबादी हुई। इससे किसानों के चेहरे पर रौनक दिखाई दी। वहीं पिछले कई दिनों से दोपहर के समय गर्मी महसूस हो रही थी। जिसका असर गेहूं की पैदावार पर पड़ रहा था। कैथल कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानी डॉ. रमेश चंद्र ने बताया कि तापमान में गिरावट से गेहूं की फसल को फायदा है। पिछले दिनों 30 डिग्री सेल्सियस पर अधिकतम तापमान पहुंच गया था, इससे किसानों की फसलों को नुकसान होने लग गया था, गेहूं की फसल में पीलापन का सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ था, अब मौसम ने करवट ली। इस समय गेहूं की फसल के लिए यह मौसम लाभदायक है। अगले दो दिनों तक इसी प्रकार मौसम रहेगा तो गेहूं का अच्छा उत्पादन होगा। पिछले सप्ताह एक साथ मौसम में हुए बदलाव ने किसानों की  चिंता बढ़ा दी थी।  किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल के लिए तापमान कम होना जरूरी है, क्योंकि तापमान बढ़ने के बाद फसल एक साथ पकेगी तो इसका असर उत्पादन पर पड़ेगा। तापमान में अभी गर्मी की ज्यादा जरूरत नहीं है। मार्च के महीने में ठंड जरूरी है। सब्जियों की फसल के लिए मौसम अच्छा है। शाह अस्पताल के डा.राजेश का कहना है कि मौसम बदल रहा है। इससे बीमार होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है।

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