पानीपत इंडस्ट्री में घबराहट, जयपुर में रुके कंटेनर, माल भाड़ा बढ़ा
किसान आंदोलन का असर इंडस्ट्री पर देखने को मिल रहा है। व्यापारियों में घबराहट है। दो दिनों से कंटेनर सैकड़ों कंटनेर जयपुर में फंसे हैं। माल की आवाजाही बाधित होने से इंडस्ट्री मालिक परेशान है। दिल्ली से अन्य प्रदेशों के व्यापारी लौट रहे हैं।
पानीपत, जेएनएन। किसान आंदोलन के कारण इंडस्ट्री में घबराहट है। पिछले दो दिनों से न तो माल की आवक हो रही है और न ही माल जा रहा है। जो कंटनेर आने थे वे जयपुर में रोक दिए हैं। माल गाड़ियां भी सुरक्षा की दृष्टि से नहीं चल रही है। उद्योगपतियों का कहना है कि आंदोलन जल्द समाप्त होना चाहिए। लंबा खींचा तो किसानों से अधिक नुकसान उद्योगों की उठाना पड़ सकता है। सोनीपत आईसीडी, दिल्ली आईसीडी पर कंटनेर की आवाजाही नहीं हो रही है। पानीपत से टेक्सटाइल का निर्यात होता है। निर्यात के आर्डर टाइम बाउंड होते हैं। आंदोलन से मालों के आने जाने में देरी होगी। कोरोना में लाकडाउन के बाद उद्योगों का पहिया ठीक से चलना शुरू हुआ था। यदि इस तरह ब्रेक लगेंगे तो उद्योगों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
रोटर स्पिन्रस एसोसिएशन के प्रधान सरदार प्रीतम सचदेवा का कहना है कि पंजाब में कंटेनर की आवाजाही पर रोक से करोड़ों रुपए का नुकसान वहां के निर्यातकों को हुआ है। 100 प्रतिशत एक्सपोर्ट बंद है। हरियाणा में दो दिनों से माल की आवाजाही प्रभावित हुई है। आंदोलन लंबा नहीं खींचना चाहिए। जल्द ही इसका हल निकाला जाए। अन्यथा उद्योगों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया एसोसिएशन के पूर्व महासचिव राजीव अग्रवाल ने बताया कि दो दिनों से मालों की आवाजाही प्रभावित हुई। इधर-उधर से कुछ गाड़ियां आई। ट्रांसपोर्टरों ने माल भाड़ा बढ़ा दिया। 4000-5000 रुपये गाड़ी का किराया बढ़ चुका है। उद्यमी धनराज बंसल ने बताया कि काम समुचित चल रहा दो दिनों ने माल की आवाजाही प्रभावित हुई है। उम्मीद है कि जल्द किसान आंदोलन को लेकर जल्द ही समझौता हो जाएगा।
हैंडलूम कारोबारी जोगेंद्र नरूला ने बताया कि आंदोलन के कारण दिसावरी ग्राहकी प्रभावित हुई है। अन्य प्रदेशों से आने वाले व्यापारी दिल्ली से ही वापस लौट गए हैं। जिस कारण पिछले दो तीन दिन से बाजार में ग्राहकी नदारद है। इन दिनों मिंक व पोलर कंबल का सीजन चल रहा है। रोजाना सैकड़ों गाड़ियां लोड हो रही थी। दो दिनों से गाड़ियां लोड नहीं हो रही है। ट्रांसपोर्टर के गोदाम फुल हो चुके हैं।