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पशुपालन और डेयरी सेक्टर में प्रगति की अपार संभावनाएं, जानिए एनडीआरआइ के एक्‍सपर्ट की राय

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद करनाल में 18वां दीक्षांत समारोह हुआ। इसमें आइसीएआर के महानिदेशक ने किया आह्वान। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा. त्रिलोचन महापात्रा ने कहा कि पशुओं के बेहतर पोषण और रोग प्रबंधन पर करें फोकस।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 12:57 PM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 12:57 PM (IST)
पशुपालन और डेयरी सेक्टर में प्रगति की अपार संभावनाएं, जानिए एनडीआरआइ के एक्‍सपर्ट की राय
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद करनाल में 18वां दीक्षांत समारोह।

करनाल, जागरण संवाददाता। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा. त्रिलोचन महापात्रा ने कहा कि पशुपालन और डेयरी सेक्टर में प्रगति की अपार संभावनाएं हैं। इसकी बदौलत किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य बखूबी हासिल किया जा सकता हे। सरकार भी इस ओर बारीकी से ध्यान दे रही है। लेकिन पशुपालकों और वैज्ञानिकों को समन्वित आधार पर कार्य करना होगा। पशुओं के चारा प्रबंधन, रोग प्रबंधन, बेहतर पोषण और स्वास्थ्य रक्षण पर फोकस करने की आवश्यकता है। इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे।

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डा. त्रिलोचन महापात्रा मंगलवार को यहां आयोजित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान डीम्ड यूनिविर्सटी के 18वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से विचार रख रहे थे। हालांकि समारोह में कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए इस बार विद्यार्थियों की उपस्थिति नहीं रखी गई। इस अवसर पर 50 बीटेक स्नातक, 247 स्नातकोत्तर व 127 पीएचडी विद्यार्थियों को आनलाइन डिग्री प्रदान की गई। संस्थान के निदेशक डा. मनमोहन सिंह चौहान ने मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्जवलन से समारोह की विधिवत शुरुआत की। उन्होंने यूनिवर्सिटी की विस्तृत दीक्षांत रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए एनडीआरआइ की उपलब्धियों, विविध गतिविधियों और अन्य पहलुओं पर प्रकाश डाला।

इसी क्रम में मुख्य अतिथि आइसीएआर के महानिदेशक डा. त्रिलोचन महापात्रा ने आनलाइन उद्बोधन में कहा कि डेयरी और पशुपालन सेक्टर में सरकार लगातार नवीनतम परियोजनाएं लेकर आ रही हैं। एनडीआरआइ और अन्य संस्थानों के वैज्ञानिक भी इस क्षेत्र की दशा और दिशा सुधारने में हर स्तर पर उल्लेखनीय योगदान कर रहे हैं। इसके आशातीत परिणाम भी सामने आए हैं लेकिन अभी काफी काम किए जाने की प्रबल आवश्यकता है। पशुओं के चारा प्रबंधन, स्वास्थ्य रक्षण और रोग प्रबंधन पर ध्यान देना होगा। जब तक इन चुनौतियों पर फोकस नहीं किया जाता, तब तक 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने में गतिरोध बरकरार रहेगा। उन्होंने एनडीआरआइ की ओर से पशुधन संवर्धन व नस्ल सुधार सहित विभिन्न क्षेत्रों में किए गए उल्लेखनीय प्रयासों की सराहना करते हुए संस्थान से उपाधि हासिल करने वाले समस्त विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं। मंच पर एनडीआरआइ के निदेशक डा. मनमोहन सिंह चौहान सहित डा. रविंद्र मल्होत्रा, विवेक कुमार, डा. धीर सिंह, डा. आरआरबी सिंह और डा. नितिन त्यागी भी उपस्थित रहे। समारोह का समापन राष्ट्रगान से हुआ।

आनलाइन दी गईं डिग्री

दीक्षांत समारोह में 50 बीटेक स्नातक, 247 स्नातकोत्तर व 127 पीएचडी विद्यार्थियों को आनलाइन डिग्री प्रदान की गई। इनमें डेयरी माइक्रोबायोलोजी, फूड सेफ्टी एंड क्वालिटी एश्योरेंस, डेयरी केमिस्ट्री, डेयरी टेक्नालाजी, डेयरी इंजीनियरिंग, एनिमल बायोकेमिस्ट्री, एनिमल बायोटेक्नालोजी, एनिमल जेनेटिक्स एंड ब्रीडिंग, लाइवस्टाक प्रोडक्शन एंड मैनेजमेंट, वेटरनरी गायनोकालोजी एंड ओबस्ट्रेटिक्स, एनिमल न्यूट्रीशन, एनिमल फिजियोलोजी, एग्रीकल्चर इकोनोमिक्स, एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एजुकेशन और एग्रोनोमी विभागों के विद्यार्थी शामिल रहे। देश के अलग अलग हिस्सों से संबंध रखने वाले इन समस्त विद्यार्थियों को कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए आनलाइन माध्यम से डिग्री देने की घोषणा की गई। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में पदक, मेरिट सर्टिफिकेट, सर्वश्रेष्ठ थिसिस अवार्ड, सर्वश्रेष्ठ शिक्षक अवार्ड और सर्वश्रेष्ठ डिवीजन अवार्ड भी प्रदान किए गए।


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