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529 ड्राप आउट बच्चों की पहचान, अब ले रहे अक्षर का ज्ञान

रामकुमार कौशिक पानीपत जिले में 529 ड्रॉप आउट बच्चों की पहचान हुई है। किसी न किसी क

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Feb 2021 06:52 AM (IST)Updated: Fri, 05 Feb 2021 06:52 AM (IST)
529 ड्राप आउट बच्चों की पहचान, अब ले रहे अक्षर का ज्ञान
529 ड्राप आउट बच्चों की पहचान, अब ले रहे अक्षर का ज्ञान

रामकुमार कौशिक, पानीपत: जिले में 529 ड्रॉप आउट बच्चों की पहचान हुई है। किसी न किसी कारणवंश स्कूल नहीं जा पा रहे थे। इनमें से ज्यादातर बच्चे ईंट भट्ठे और झुग्गी-झोपडि़यों में रहने वाले परिवारों के हैं। उक्त बच्चे स्वजनों का काम में सहयोग करने के साथ कूड़ा बीनने आदि का काम कर रहे थे, लेकिन अब उन्हें अक्षर का ज्ञान करा मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसको लेकर जिले में सेंटर बनाए गए हैं। ये काम प्रदेश सरकार के सहयोग से हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया संस्था कर रही है।

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समग्र शिक्षा अभियान के सहायक परियोजना अधिकारी राजेंद्र सिंह मलिक ने बताया कि 29 दिसंबर 2020 से जिले में 20 विशेष प्रशिक्षण स्कूल शुरू किए गए हैं। इनमें ड्राप आउट बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, जो 31 मार्च तक उक्त सेंटर में ही पढ़ाई करेंगे। इसके बाद नए शैक्षिक सत्र में उक्त बच्चों को उम्र और ज्ञान के हिसाब से पास के ही सरकारी स्कूलों में संबंधित कक्षा में दाखिला दिलाया जाएगा। फिलहाल बच्चों को गिनती, पहाड़े पढ़ाए जा रहे हैं। साथ ही उन्हें एक-दूसरे से कैसे व्यवहार और बातचीत करनी है। ये भी सिखाया जा रहा है। बांटी गई किताबें

ड्राप आउट बच्चों की उम्र 7 से 13 साल के बीच की है। प्रत्येक सेंटर पर 25 से 30 बच्चे हैं। उक्त बच्चों को समग्र शिक्षा अभियान के तहत स्कूल बैग, पेंसिल, किताबों के साथ मास्क व सेनिटाइज तक दिए गए हैं। जल्द ही वर्दी भी बांटी जाएगी। मिड डे मील भी दिया जाता है। जिन बच्चों के आधार कार्ड आदि कागजात नहीं बने है वो भी बनाए जा रहे हैं। सेंटर पर संस्था की ओर से शिक्षक को रखा गया है। सर्वे भी संस्था द्वारा ही किया गया था। लालच में अभिभावक नहीं भेजते स्कूल

ड्राप आउट बच्चे ज्यादातर ईंट भट्ठे व झोपडिय़ों में रहने वाले परिवारों के है। जिन्हें अभिभावकों ने स्कूल भेजने की बजाय काम में सहयोग करने, कूड़ा बीनने, भीख मांगने आदि काम में लगा रखा था। इस लालच में खुद भी अनपढ़ होने के साथ वे अपने बच्चों को भी अज्ञानता के अंधेरे से निकलने नहीं देते। लंबे समय से काम कर रही है संस्था

हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया के जिला कॉर्डिनेटर संदीप कुमार ने बताया कि संस्था हरियाणा में वर्ष 2015 से प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम कर रही हैं। योजना को हरियाणा स्कूल परियोजना परिषद पंचकूला संचालित करता है। जो बच्चे पढ़ नहीं रहे। उनकी पहचान कर पहले विशेष प्रशिक्षण सेंटर में उनका ब्रज कोर्स कराया जाता है। फिर उन्हें ज्ञान के हिसाब से संबंधित स्कूल में दाखिला दिलाया जाता है। कोविड ने किया प्रभावित

जिला कॉर्डिनेटर संदीप कुमार ने बताया कि हर साल नए शैक्षणिक सत्र के बाद जून माह में संस्था की ओर से ड्राप आउट बच्चों का सर्वे करा एक जुलाई से 31 मार्च तक विशेष प्रशिक्षण सेंटर चलाए जाते हैं। पिछले साल कोविड-19 के चलते सेंटर छह माह बाद शुरु हो सके। ऐसे में इस बार सेंटर में बच्चों को सिर्फ तीन माह की विशेष प्रशिक्षण मिल पाएगा।

कहां कहां चल रहे हैं सेंटर

जीपीएस शिव नगर, जीपीएस सिवाह, जीपीएस सैनीपुरा, जीपीएस कस्तूरबा, जीपीएस कैनाल कैंप, जीपीएस महराणा, जीपीएस राजाखेड़ी, जीपीएस कैनाल, जीपीएस उग्राखेड़ी, जीपीएस ऊझा, जीपीएस निबरी, जीपीएस आजाद नगर, जीपीएस सौंदापुर, जीपीएस नूरवाला आदि स्कूलों में विशेष प्रशिक्षण सेंटर चल रहे हैं।

इस साल इतने बच्चों को पढ़ाया

वर्ष बच्चे (ड्राप आउट)

2016-17 125

2017-18 1454

2018-19 1254

2019-20 513

2020-21 205


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