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Olympics Games Tokyo 2020: हॉकी टीम की ढाल बना हरियाणा का सुरेंद्र, अंतिम समय में गोल की ओर जा रही गेंद को किया बाहर

अंतिम समय में गोल रोककर कुरुक्षेत्र के सुरेंद्र ने दिलाई टीम को दिलाई जीत। टोक्यो ओलिंपिक के क्वार्टर फाइनल में भारतीय पुरुष हाकी टीम की ब्रिटेन पर 3-1 से जीत दर्ज की। चार दशक बाद ओलिंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची भारतीय टीम।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 10:04 AM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 01:00 PM (IST)
Olympics Games Tokyo 2020: हॉकी टीम की ढाल बना हरियाणा का सुरेंद्र, अंतिम समय में गोल की ओर जा रही गेंद को किया बाहर
कुरुक्षेत्र का रहने वाला भारतीय हॉकी टीम का खिलाड़ी सुरेंद्र।

कुरुक्षेत्र, [विनोद चौधरी]। टोक्यो ओलिंपिक में रविवार को भारतीय हाकी टीम ने ब्रिटेन को 3-1 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बना ली है। क्वार्टर फाइनल मैच के अंतिम समय में ब्रिटेन की टीम के गोल करने के प्रयास को कुरुक्षेत्र के सुरेंद्र कुमार पालड़ ने नाकाम कर दिया। गोल के सामने ढाल बने सुरेंद्र की हाकी स्टिक से यह गेंद मैदान से बाहर चली गई और उनका गोल का प्रयास विफल हो गया। इस मैच में भारतीय टीम ने 3-1 से बढ़त बनाकर सेमीफाइनल में स्थान बना लिया है, अब भारतीय टीम का मुकाबला सेमीफाइनल में बेल्जियम के साथ होगा।

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गौरतलब है कि टोक्यो ओलिंपिक में पहुंची पुरुष भारतीय हाकी टीम में कुरुक्षेत्र का सुरेंद्र कुमार पालड़ भी हिस्सा ले रहा है। ओलिंपिक में पहले ही मैच से सुरेंद्र लगातार शानदार खेल का प्रदर्शन कर रहा है। टीम की सबसे मजबूत कड़ी रक्षा पंक्ति में सुरेंद्र कुमार ने हर मैच में विरोधी टीम के गोल रोककर अपनी टीम को बढ़त दिलाई है। सुरेंद्र का खेल देख कुरुक्षेत्र के खेल प्रेमी भी गदगद हैं।

Olympic Games Tokyo 2020 Surendra Kumar

अंतिम समय में सुरेंद्र ने विफल किया विरोधी टीम का प्रयास

अर्जुन अवार्डी डा. दलेल सिंह ने बताया कि सुरेंद्र कुमार ने मैच के 57वें मिनट में विरोधी टीम के गोल के प्रयास को विफल कर दिया। गेंद सीधे गोल की ओर जा रही थी, इस गेंद को सुरेंद्र ने हाकी स्टिक से रोका और यह मैदान से बाहर चली गई। ऐसे में विरोधी टीम गोल करने में सफल नहीं हो सकी। द्रोणाचार्य स्टेडियम के हाकी कोच सोहन सिंह ने बताया कि गोल की ओर बढ़ रही गेंद के सुरेंद्र की हाकी स्टिक से बाहर चले जाने के बाद विरोधी टीम को लांग कार्नर से संतोष करना पड़ा।

चार दशक बाद फाइनल में पहुंची भारतीय हाकी टीम

1972 के बाद भारतीय हाकी टीम अब सेमीफाइनल में जगह बनाई है। सुरेंद्र कुमार के प्रदर्शन से उसके परिवार में खुशी की लहर है। सुरेंद्र के पिता मलखान सिंह और भाई नरेंद्र ने बताया कि सुरेंद्र हर मैच में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।

2011 में जूनियर नेशनल हाकी चेंपियनशिप में दिखाई प्रतिभा

हाकी खिलाड़ी सुरेंद्र पालड़ का वर्ष 2011 में जूनियर नेशनल गेम के लिए प्रदेश की टीम में चयन हुआ। इस चेंपियनशिप ने टीम ने 50 साल बाद जीत दर्ज करवाई। इसके बाद तीन से 13 मई 2013 में मलेशिया में हुई जूनियर हाकी चेंपियनशिप में सुरेंद्र कुमार पालड़ ने भारतीय हाकी टीम की तरफ से खेलते हुए अच्छा प्रदर्शन किया। इस टूर्नामेंट में भारत को कांस्य पदक मिला। वर्ष 2012 नवंबर माह में सुरेंद्र पालड़ का चयन फिर से भारतीय जूनियर हाकी टीम में हुआ। इस बार मलेशिया में जौहर कप में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया और इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम को दूसरा स्थान मिला। वर्ष 2013 में ही अंतरराष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी सुरेंद्र पालड़ ने हालैंड व बेल्जियम में जूनियर भारतीय हाकी टीम की तरफ से टेस्ट सीरिज खेली और इस टेस्ट सीरिज में सुरेंद्र कुमार पालड़ का प्रदर्शन सराहनीय रहा। गत ओलिंपिक में भी सुरेंद्र ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया था।


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