शुरुआती चरण में ऐसे पहचानें ब्लैक फंगस, यहां लीजिये बचाव, सावधानियों व लक्षणों की पूरी जानकारी
ब्लैक फंगस की पहचान शुरुआती चरण में हो जाए तो दवाइयों से इलाज संभव है। कुछ मामलों में ऑपरेशन भी करना पड़ता है। लेकिन ज्यादातर लोगों को ब्लैक फंगस से बचाव सावधानियों व लक्षणों के बारे में जानकारी नहीं है।
करनाल/इंद्री [नरेंद्र धुमसी]। कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब ब्लैक फंगस कहर ढा रहा है। करनाल में कोरोना संक्रमण की स्थिति में सुधार नजर आ रहा है। दिनों-दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या भी घट रही है। लेकिन, अब ब्लैक फंगस के केस आने के बाद विभाग भी सतर्क है। ब्लैक फंगस के करीब 40 केस करनाल जिले में सामने आ चुके हैं। कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। ब्लैक फंगस से बचाव, सावधानियों व लक्षणों के बारे में अनेक लोगों को जानकारी नहीं है। ब्लैक फंगस के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने सीएचसी इंद्री में कार्यरत एमडीएस (ओरोमैक्लिोफेशियल सर्जन) डॉ. पंकज कांबोज से विशेष बातचीत की।
ब्लैक फंगस क्या है?
डॉ. पंकज का कहना है कि ब्लैक फंगस एक फंगस का इंफेक्शन है जो चेहरे, नाक, आंख व दिमाग में तेजी से फैलता है।
ब्लैक फंगस के लक्षय क्या हैं?
चेहरे पर दर्द होना, सूजन या सुन्न होना, एक दम से ऊपरी जबड़े के दांतों का हिलना, चबाने पर दर्द होना, तालू में छेद होना, नाक से काला म्यूकस व खून आना, नाक बंद होना, आंख में दर्द या आंख फूलकर बाहर आ जाना, चीजों का दो-दो दिखाई देना या दिखना बंद हो जाना आदि इसके ब्लैक फंगस के लक्षण हैं।
यह रोग किसको हो सकता है?
कोविड मरीज जिनकी शुगर बहुत ज्याद स्तर पर रहती है। कोविड उपचार के दौरान अत्यधिक स्टेरॉयड का सेवन करने वाले मरीजों, कोविड या अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज के दौरान ऑक्सीजन पर या आइसीयू में अधिक समय तक रहने वाले मरीजों को, कैंसर या किडनी ट्रांसप्लांट वाले को जिन मरीजों को प्रतिरक्षादमन दवाइयों पर रखा हो, ऐसे मरीजों को यह रोग हो सकता है।
लक्षण दिखने पर क्या करें?
ब्लैक फंगस का कोई भी लक्षण दिखने पर नजदीकी सरकारी अस्पताल में दिखाएं। जिस कोरोना मरीज का इलाज चल रहा है, उनमें लक्षण दिखने पर अपने डॉक्टर को बताएं। नाक, कान, गला विशेषज्ञ, आंख विशेषज्ञ, मेडिसिन विशेषज्ञ तथा मैग्जिलोफेसियल सर्जन को दिखाएं। इसके अलावा सरकार की बनाई गई टीम द्वारा जांच करके इलाज की सुविधा सभी मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध है। टीम से अपने डॉक्टर द्वारा संपर्क करके तुरंत परामर्श लें।
किस तकनीक द्वारा ब्लैक फंगस का पता लगाया जा सकता है?
विशेषज्ञ टीम के परमर्श पर एमआरआइ अथवा सीटी स्कैन द्वारा पता लगाया जा सकता है। साथ ही विशेषज्ञ द्वारा नाक व साइनस से सैंपल लेकर लैब में भी जांच करवाई जा सकती है।
ब्लैक फंगस का इलाज कैसे किया जा सकता है?
विशेषज्ञों की टीम द्वारा ही इसका इलाज किया जा सकता है। जल्दी बीमारी का पता लगना ही प्रथम चरण है। दवाइयों द्वारा या साथ में यदि जरूरत हो तो सर्जरी द्वारा इलाज किया जाता है।
इस बीमारी से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा गंभीर बीमारी में ही स्टेरॉयड की सलाह दी जाती है। स्वयं या गैर विशेषज्ञ व्यक्ति, दोस्त, जानकार, रिश्तेदार आदि कहने पर स्टोरोयड शुरू न करें। यदि घर पर ऑक्सीजन लगाया जा रहा है तो उबालकर ठंडा किया हुआ या डिस्टिलड पानी ही इस्तेमाल करें। डायबिटिक मरीजों में शुगर की जांच नियमित रूप से करें। मुंह की साफ सफाई रखें तथा बीमारी की स्थिति में भी ब्रश एवं माउथवॉश इस्तेमाल करें।