मां की अस्थियां भी विसर्जित न कर सके..फोन पर देख बिलख कर रोये
- वीडियो कॉलिग कर परिवार को दिखाई प्रक्रिया भावुक हुआ परिवार - संक्रमितों के परिवार से पूछे आपबीती का दर्द कैसे बेबस हो रहे लोग अजय सिंह पानीपत मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। किसी अपने के सुख में शामिल हो या ना हो गम में हम अपनों को अकेला नहीं छोड़ते। लेकिन कोरोनाकाल में आज अपने चाह कर भी अपनों का साथ नहीं निभा पा रहे। हाल ही में शहर के रमेश नगर में एक 7
अजय सिंह, पानीपत
कोरोनाकाल में आज अपने चाह कर भी अपनों का साथ नहीं निभा पा रहे। हाल ही में बुजुर्ग महिला कोरोना संक्रमित पाई गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने परिवार के सैंपल लिए तो बेटे सहित तीन अन्य की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। संक्रमित महिला ने उपचार के दौरान 27 जुलाई को करनाल स्थित कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। परिवार इस कदर बेबस हुआ कि बूढ़ी मां को मुखाग्नि देना तो दूर उनकी अस्थियां तक गंगाजल में प्रवाहित नहीं कर पाया।
बेटा और परिवार के अन्य सदस्य क्वारेंटाइन होने के कारण खुद संस्कार तक नहीं कर पाए। बेटे ने जनसेवा दल से मां का संस्कार करने की गुजारिश की। जनसेवा दल ने दुख की घड़ी में परिवार का साथ निभाया और संस्कार कर दिया। जनसेवा दल के सचिव चमन गुलाटी ने बताया कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के आदेशानुसार परिवार को 14 दिनों तक घर से बाहर नहीं निकलना था। बुजुर्ग महिला की रस्म क्रिया के बाद परिवार को अस्थि विसर्जन की चिता सताने लगी। परिवार ने एक बार फिर जनसेवा दल से सहयोग की अपील की, तो उन्होंने बुजुर्ग की अस्थि विसर्जन की क्रिया भी पूरी की।
वीडियो कॉलिग कर दिखाई प्रक्रिया, भावुक हुआ परिवार
श्मशान घाट में बुजुर्ग महिला के दाह संस्कार की क्रिया आचार्य बब्बू ने कराई। वहीं जनसेवा दल के प्रधान किशन मनचंदा, सचिव चमन गुलाटी, सेवादार कपिल मल्होत्रा ने अस्थि विसर्जन किया। प्रधान किशन मनचंदा ने बताया कि अस्थि उठाने की पूरी प्रक्रिया महिला के स्वजनों को वीडियो कॉल के माध्यम से दिखाई गई। बेटा और पोता भावुक होकर रोने लगे।