दोगुनी हुई हेलमेट की बिक्री, प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवाने और इंश्योरेंस कराने में जुटे वाहन मालिक
मोटर व्हीक्ल एक्ट में हुए संशोधन के बाद लोग यातायात नियमों की पालना और दस्तावेज पूरे करने में जुट गए है। जुर्माने में हुई बढ़ोतरी के कारण नौकरीपेशा वर्ग की चिता काफी बढ़ गई है। भारी जुर्माने से बचने के लिए वाहन मालिक हेलमेट खरीदने प्रदूषण सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस बनवाने पर काफी जोर दे रहे है।
जागरण संवाददाता, पानीपत: मोटर व्हीक्ल एक्ट में हुए संशोधन के बाद लोग यातायात नियमों की पालना और दस्तावेज पूरे करने में जुट गए है। जुर्माने में हुई बढ़ोतरी के कारण नौकरीपेशा वर्ग की चिता काफी बढ़ गई है। भारी जुर्माने से बचने के लिए वाहन मालिक हेलमेट खरीदने, प्रदूषण सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस बनवाने पर काफी जोर दे रहे है। जिससे दुकानदार, प्रदूषण केंद्र संचालक और इंश्योरेंस एजेंट कामकाज में व्यस्त नजर आने लगे है।
स्काईलार्क के प्रदूषण केंद्र संचालक हरनाम ने बताया कि पहले रोजाना 15 से 20 लोग प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आते थे। लेकिन घोषणा के बाद से दोगुने वाहन चालक प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवा रहे है। वहीं बरसत रोड पर रेहड़ी में हेलमेट बेच रहे तहसील कैंप के शैलेश ने बताया कि पहले सप्ताह भर में चार से पांच हेलमेट बिकते थे। लेकिन चौक-चौराहों पर खड़े पुलिसकर्मियों के डर कारण दुपहिया वाहन चालक हेलमेट खरीद रहे है। सोमवार दोपहर तक वह दो हेलमेट बेच चुका था। स्काईलार्क मार्केट और रेलवे रोड मार्केट के दुकानदारों का कहना है कि हेयरस्टाइल खराब होने के डर से हेलमेट नहीं लगाने वाले दुपहिया वाहन चालक भी अब हेलमेट खरीद रहे है। अधिकतर युवा स्टड और स्टीलबर्ड जैसे आइएसआइ मार्क वाले हेलमेट खरीद रहे है। पहले के मुकाबले दुकानों पर रोजाना 10 से 15 अधिक हेलमेट बिक रहे है।