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एक पर भारी, तीन में कड़ा मुकाबला

विधानसभा चुनाव में प्रचार-प्रसार का शोर थम गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 08:59 AM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 06:21 AM (IST)
एक पर भारी, तीन में कड़ा मुकाबला
एक पर भारी, तीन में कड़ा मुकाबला

जागरण संवाददाता, पानीपत : विधानसभा चुनाव में प्रचार-प्रसार का शोर थम गया है। अब प्रत्याशी रविवार को डोर-टू-डोर जाकर लोगों से मिल सकेंगे। मतदान के लिए काउंट डाउन शुरू होते ही चुनावी तस्वीर साफ होकर सामने आने लगी है। जिले की चार में से एक सीट पर निर्णय लगभग साफ नजर आ रहा है। बाकी तीन सीटों पर कांटे का मुकाबला है। दूसरे दल और निर्दलीय प्रत्याशियों का वोट प्रतिशत पर बाकी तीन सीटों का निर्णायक होगा। साइलेंट वोटर इस चुनाव में राजनीति के पंडितों का अनुमान बिगाड़ सकते हैं। पानीपत शहर की सीट पर भारी

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पानीपत शहर में आठ प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। 2,20,440 मतदाता इनके भाग्य का फैसला करेंगे। भाजपा प्रत्याशी प्रमोद विज जीत का दावा कर रहे हैं। कांग्रेस के संजय अग्रवाल चुनाव मैदान में जमकर डटे हैं। उन्होंने शनिवार को शहर में निकाले रोड शो के साथ चुनावी हवा बदलने का दावा किया है। शहरी सीट पर सबसे अधिक साइलेंट वोटर हैं। इसके साथ पार्टियों में भितरघात हार-जीत को तय करने वाला होगा। भाजपा प्रत्याशी प्रमोद विज सरकार के बड़े फैसलों और अपने व्यक्तित्व के आधार पर जीत पक्की होने का दावा कर रहे हैं। ग्रामीण में मुकाबला भाजपा-जजपा में

पानीपत ग्रामीण विधानसभा में 2,42,423 वोट हैं। भाजपा के महीपाल ढांडा और जजपा के देवेंद्र कादियान के बीच कड़ा मुकाबला है। ढांडा 2014 में यहां से विधायक बने थे। वे लोगों के बीच अपने पांच साल के कामों के आधार पर जा रहे हैं। 78 बाहरी कॉलोनियों को वैध कराना और शुगर मिल का निर्माण काम शुरू कराना उनकी मजबूती है। जजपा के देवेंद्र कादियान गांवों से लेकर शहर की कॉलोनियों में मजबूत पकड़ बनाए हैं। दस साल से हलके में लगातार सक्रिय हैं। कांग्रेस के ओमप्रकाश जैन 2009 के कार्यकाल में कराए विकास कार्यों के आधार पर लोगों के बीच में जा रहे हैं। बसपा के बलकार मलिक रिसालू और निर्दलीय संदीप भारद्वाज खलीला हलके में पकड़ बनाए हैं। समालखा में धर्म सिंह और शशिकांत आमने-सामने

समालखा विधानसभा में 2,09,824 मतदाता हैं। कांग्रेस के धर्म सिंह छौक्कर और भाजपा के शशिकांत कौशिक के बीच कड़ी टक्कर है। धर्म सिंह को व्यक्तिगत छवि के साथ पार्टी के वोट बैंक से मजबूती मिल रही है। धर्म सिंह इन्हीं के आधार पर जीत का दावा कर रहे हैं। वहीं शशिकांत कौशिक के लिए भाजपा का वोट बैंक और मोदी फैक्टर प्रभावी है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री मनोहर लाल बापौली और समालखा में रैली कर चुके हैं। शशिकांत दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं और इस बार लोगों के साथ भावनात्मक रूप से भी जुड़े हैं। पंवार और बलबीर तीसरी बार आमने-सामने

इसराना विधानसभा में 1,75,134 मतदाता हैं। यहां भाजपा प्रत्याशी परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार और कांग्रेस के प्रत्याशी बलबीर वाल्मीकि तीसरी बार आमने-सामने हैं। पंवार 2009 और 2014 के चुनाव में वाल्मीकि को हरा चुके हैं। इस बार हलके का चुनाव बिल्कुल आमने-सामने का है। हार और जीत अंतर बहुत कम वोटों से होगा। परिवहन मंत्री केंद्र और प्रदेश सरकार की नीतियों के आधार पर जीत का दावा कर रहे हैं, जबकि बलबीर वाल्मीकि एक बार मौका मांग रहे हैं। यहां पर जजपा के दयानंद उरलाना अपनी ताल ठोक रहे हैं।


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