बिना अनुमति आंखों को ऑपरेशन करने के मामले में निजी संस्था से स्वास्थ्य विभाग ने रिकॉर्ड तलब किया
संस्था के पदाधिकारियों को सिविल अस्पताल में रिकॉर्ड के साथ तलब किया। संस्था ने मोतियाबिद के करीब 100 रोगियों की लिस्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंपी।
जागरण संवाददाता, पानीपत : सेक्टर-12 में निजी संस्था की ओर से आयोजित नेत्र जांच शिविर में लगभग 800 लोगों की आंखों की जांच की गई थी। बिना अनुमति के कुछ मरीजों का मोतियाबिद का ऑपरेशन कराया गया। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने वीरवार को संस्था के पदाधिकारियों को सिविल अस्पताल में रिकॉर्ड के साथ तलब किया। संस्था ने मोतियाबिद के करीब 100 रोगियों की लिस्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंपी।
इस पर सिविल सर्जन ने अपने कार्यालय में डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. शशि गर्ग के साथ चर्चा की। सौंपी गई लिस्ट अधूरी बताई गई है। स्वास्थ्य विभाग शुक्रवार को संस्था को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा।
बता दें कि संस्था ने सात मार्च को शिविर लगवाया था। इसमें 90-100 लोग मोतियाबिद के रोगी मिले थे। संस्था ने कैंप में आए मोतियाबिद के रोगियों से सर्जरी के लिए 3-4 हजार रुपये भी लिए। मरीजों की माडल टाउन के एक अस्पताल में सर्जरी करवाई गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शुक्रवार को संस्था के कार्यालय में छापा मारा था। टीम ने संस्था से मरीजों का रिकार्ड मांगा तो संस्था रिकार्ड देने में आनाकानी कर रही थी। यहां पर स्क्रीनिग रजिस्टर नहीं मिला। सिर्फ रजिस्ट्रेशन रजिस्टर ही मिला। विभाग ने संस्था को रिकार्ड उपलब्ध कराने के लिए एक दिन का समय दिया था। इस मामले की डायरेक्टर हेल्थ ने भी रिपोर्ट मांग रखी है।
अनुमति है जरूरी
सामाजिक संस्थाओं-निजी अस्पतालों को नेत्र जांच कैंप लगाने, सर्जरी के लिए स्वास्थ्य विभाग से अनुमति लेना जरूरी है। नेशनल प्रोग्राम फॉर कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस वेबसाइट और दर्पण पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है। सभी नेत्र रोग विशेषज्ञों को इस बाबत पहले ही जानकारी दी जा चुकी है। सर्जरी से पहले और बाद की डिटेल फोटो सहित अपलोड करनी होगी। इसके लिए ऑनलाइन फार्म उपलब्ध हैं।