तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन किया तो होगी जेल
राष्ट्रीय तंबाकू कंट्रोल कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ. कर्मवीर चोपड़ा ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विक्रेताओं को नियम-कानूनों की जानकारी देना है ताकि सजा और जुर्माने से बच सकें।
जागरण संवाददाता, पानीपत: कोटपा (सिगरेट एंव अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम) 2003 को सख्ती से लागू करने, तंबाकू उत्पाद विक्रेताओं और होटल मालिकों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने वर्कशॉप का आयोजन किया। सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र कादियान ने कोटपा कानून, उल्लंघन पर सजा और जुर्माना के प्रावधान की जानकारी दी। राष्ट्रीय तंबाकू कंट्रोल कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ. कर्मवीर चोपड़ा ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विक्रेताओं को नियम-कानूनों की जानकारी देना है ताकि सजा और जुर्माने से बच सकें।
इस मौके पर डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. मुनेश गोयल, स्वास्थ्य निरीक्षक सतीश कुमार, साहब सिंह, संजीव कुमार, नरेश कुमार, बिट्टू कश्यप तथा संदीप सिंह आदि मौजूद रहे। सजा का प्रावधान
-कोटपा एक्ट की धारा-5 के तहत तंबाकू उत्पादों के किसी भी तरह के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से विज्ञापन करना कानूनी अपराध है। ऐसा करने पर दो साल तक की सजा हो सकती है।
-नाबालिग को तंबाकू उत्पाद बेचने पर जुवेनाइल जस्टिस की धारा 77 के तहत सात साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
-पंचकूला से आए जनरेशन सेवियर एसोसिएशन के रमन शर्मा ने बताया कि बिना सचित्र चेतावनी वाली देसी-विदेशी सिगरेट बेचने वाले दुकानदारों को दो साल तक की सजा हो सकती है।
-नापतौल विभाग की ओर से लीगल मैट्रोलॉजी एक्ट के तहत 1.5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। 21 हजार से अधिक वसूले
वित्तीय वर्ष 2018-19 में स्वास्थ्य विभाग ने कोटपा कानून का उल्लंघन करने वाले कुल 351 लोगों का चालान काटा। इनसे 21 हजार 260 रुपये वसूले। चार अप्रैल को सात के चालान काटकर 600 रुपये वसूले। रोडवेज ने भी हाल के दिनों में छह के चालान काटकर 1200 रुपये जुर्माना वसूला है।