योग ने तनाव से निकाला, स्वास्थ्य संवारा, परिवार यहां खिलखिलाते हैं
योग करने से स्वास्थ्य ही नहीं संवरता परिवार में भी एकजुटता आती है। सदस्यों को एक साथ समय बिताने का अतिरिक्त मौका भी मिलता है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : योग करने से स्वास्थ्य ही नहीं संवरता, परिवार में भी एकजुटता आती है। सदस्यों को एक साथ समय बिताने का अतिरिक्त मौका भी मिलता है। अब सेक्टर 13-17 के पार्क में योगासन करते पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को ही देख लें। यहां दादी से लेकर पौत्री तक एक साथ योग करते हैं। तकरीबन 50 लोग योग क्रियाएं करने आते हैं। एक-दूसरे को ही परिवार भी बना लिया है। योग से तनाव दूर हुआ तो व्यापार भी अच्छा होने लगा। आप भी जानिये, योग से क्या-क्या बदलाव आ रहे हैं..। योगासनों से परिवार का हर सदस्य होता तनावमुक्त : फोटो 4
सेक्टर 13-17 निवासी कपिल भाटिया वृद्ध मां सुदेश रानी, पत्नी दिव्या, 12 वर्षीय पुत्र गर्वित व 10 साल की बेटी सिमरन के साथ योग क्रियाओं में हिस्सा लेते दिखे। कपिल ने बताया कि पहले टहलने के लिए घर से निकलते थे। रोजाना पार्क में योग करते लोगों को देखते थे। हास्य योग करते लोगों को देख एकाएक चेहरे पर मुस्कान आ जाती थी। अचानक योग कक्षा में बैठने का मन किया। यहां सभी के साथ कई तरह के योगासन-क्रियाएं करने से सबसे बड़ा लाभ यह हुआ कि परिवार का हर सदस्य पूरे दिन फ्रैश मूड में रहता है। एक-दूसरे से समस्याएं शेयर कर, समाधान निकाल लेते हैं। इसलिए तनाव क्या है, हम भूल गए हैं। दिन भर काम करते समय थकान भी महसूस नहीं होती। लॉकडाउन ने दिया तनाव, योग ने दी हंसी
कालांतर में तहसील कैंप में रहने वाले दंपती सोहनलाल व अंजू बाला, इस समय सेक्टर 13-17 में रह रहे हैं। दोनों योग शिविरों में आ रहे हैं। सोहनलाल ने बताया कि वह प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने का काम करते हैं। लॉकडाउन के दौरान बिजनेस पूरी तरह ठप हो गया था। तनाव में रहने लगा था, मुझे देख पत्नी परेशान हो जाती थी। योग शिविर ही ऐसी जगह थी, जहां तनाव से मुक्ति मिलती हैं। शारीरिक-मानसिक स्फूर्ति मिलती है। अंजू बाला ने बताया, उन्हें गठिया बाय की शिकायत हो गई थी। हाथों-घुटनों में दर्द रहने लगा था। योग करने, एक्यूप्रैशर विधि को अपनाने से रोग लगभग खत्म हो गया है। मैं तो कहती हूं कि महिला कामकाजी हो या गृहिणी, कुछ समय अपनी स्वास्थ्य के लिए जरूर निकालें।