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World Milk Day 2021 Special: तो इसलिए देश में सबसे ज्‍यादा फिट हैं हरियाणवी, दूसरे राज्‍यों से तीन गुना ज्यादा पीते हैं दूध

हरियाणा के लोग देश में फिटनेस और खेल के क्षेत्र में देश के अन्‍य राज्‍यों से आगे हैं। इसका बड़ा कारण यहां का खानपान है। हरियाणा के लोग देश में सबसे अधिक दूध पीते हैं। अन्‍य राज्‍यों की तुलना में यहां के लोग तीन गुना ज्‍यादा दूध पीते हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 11:48 AM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 02:30 PM (IST)
World Milk Day 2021 Special: तो इसलिए देश में सबसे ज्‍यादा फिट हैं हरियाणवी, दूसरे राज्‍यों से तीन गुना ज्यादा पीते हैं दूध
हरियाणा के लोग तीन गुना ज्‍यादा दूध पीते हैं। (सांकेतिक फोटो)

करनाल, [पवन शर्मा]। हरियाणवी देश में सबसे ज्‍यादा फिट माने जाते हैं। खेल और सेना के क्षेत्र में इस प्रदेश के युवा अपना लोहा मनवा रहे हैं। इसका अहम कारण यहां का खानपान है। हरियाणा में कहावत है-दूध-दही का खाना, ऐसा म्हारा हरियाणा। राज्‍य के लोग देश के अन्‍य राज्‍यों की तुलना में तीन गुना ज्‍यादा दूध पीते हैं।

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हरियाणा में दुधारू पशुधन देश की संख्या का 2.5 प्रतिशत है, इसके बावजूद प्रतिवर्ष राज्य 117.34 लाख टन दूध का योगदान देता है, जो देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 5.56 प्रतिशत है। राज्य में दूध की उपलब्धता अब 1142 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन है, जो राष्ट्रीय औसत के 394 ग्राम के मुकाबले कहीं अधिक है। जबकि बीते वर्ष तक हरियाणा को पछाड़ते रहे पंजाब में अब प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 1132 ग्राम प्रतिदिन रह गई है। इस आधार पर अब अपना राज्य पंजाब से आगे निकल गया है।

राज्य में बेहतर हुए हालात, राष्ट्रीय दुग्ध उत्पादन में 5.56 प्रतिशत योगदान

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अनुसार देश में दूध उत्पादन 187.7 मिलियन टन (2018-19) है, जबकि प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 394 ग्राम प्रतिदिन है। इस नजरिए से परखें तो हरियाणा दूध उपलब्धता में प्रतिवर्ष स्थिति सुधार रहा है। दूध उत्पादन में बिहार और तमिलनाडु जैसे राज्य ही हमसे नीचे थे लेकिन अब पंजाब को भी हमने पीछे छोड़ दिया है।

हाल में खुद पंजाब डेयरी विकास बोर्ड के उप निदेशक कश्मीर ¨सह ने माना कि राज्य में राज्य में दुधारू पशुओं की संख्या में 23 प्रतिशत के करीब गिरावट आई है जबकि उत्पादन में मात्र दो प्रतिशत वृद्धि हुई है। वहीं हरियाणा में कोरोना महामारी समेत तमाम चुनौतियों के बावजूद हालात बेहतर हुए हैं। इसमें हरियाणा सरकार के साथ ही करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के प्रयासों का अहम योगदान रहा।

एनडीआरआइ के निदेशक डा. मनमोहन ¨सह चौहान ने बताया कि भारत सरकार ने डेयरी सेक्टर को भरपूर प्रोत्साहन दिया है। इनमें 15 हजार करोड़ रुपये के पशुपालन इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट फंड एएचआइडीएफ के निर्माण सहित डेयरी क्षेत्र के लिए कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज अनुदान की सुविधा उल्लेखनीय है।

डेयरी प्रोसे¨सग, मूल्य संवर्धन व पशु आहार सरीखे क्षेत्रों में निजी निवेश को बढ़ावा मिला है। 5500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त तरलता से करीब दो करोड़ किसानों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। संस्थान में करीब उम्दा नस्ल के करीब 2500 पशु हैं, जिनसे दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए अनवरत शोध-अनुसंधान किया जा रहा है।

पशुपालन और डेयरी बेहतर विकल्प

पंजाब में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 1132 ग्राम है लेकिन हरियाणा में यह 1142 ग्राम यानी 10 ग्राम प्रति व्यक्ति ज्यादा हो गई है। लोगों को इस दूध की उपलब्धता औसत आधार पर दूध, दूध से बने उत्पाद, दही, पनीर, लस्सी, मिठाई के रूप में हो रही है। कुछ वर्ष से प्रदेशवासियों का रुझान परंपरागत खेती के बजाय पशुपालन और डेयरी प्रसंस्करण में बढ़ा तो हरियाणा को दोबारा राष्ट्रीय पहचान मिलने लगी है। करीब पांच वर्ष पहले राज्य में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 800-900 ग्राम थी, जो बढ़कर 1142 ग्राम हो गई है। यानी प्रदेश की पौने तीन करोड़ जनता में हर रोज एक व्यक्ति को करीब सवा लीटर दूध उपलब्ध हो रहा है।

इन प्रयासों से बदल रही सूरत

राज्य में डेयरी, पशुपालन व इनसे जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की। हरियाणा में 70 लाख पशुधन है। सरकार ने पशुधन के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना का विस्तार किया ताकि पशुपालन में आर्थिक बाधा न आए। हालिया बजट में भी डेयरी सेक्टर के लिए अहम घोषणाएं की गईं। इसके तहत घोषित दो दुग्ध संयंत्रों में एक एनसीआर कवर करेगा।

इसकी पैकिंग क्षमता तीन लाख लीटर प्रतिदिन की होगी। इसे पांच लाख लीटर तक बढ़ाया जा सकेगा। दूसरा लघु संयंत्र जिला भिवानी के गांव शेरला में स्थापित किया जाएगा। भिवानी के ही लोहारू में बकरी प्रजनन केंद्र बनेगा। बेसहारा गायों के संवर्धन के लिए गऊ संवर्धन योजना के तहत वित्त वर्ष 2021-22 में 50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

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हरियाणा में प्रति व्यक्ति उपलब्धता

2017-18 - 1005 ग्राम प्रतिदिन

2018-19 - 1087 ग्राम प्रतिदिन

2019-20 - 1142 ग्राम प्रतिदिन

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पंजाब में प्रति व्यक्ति उपलब्धता

2017-18 - 1120 ग्राम प्रतिदिन

2018-19 - 1181 ग्राम प्रतिदिन

2019-20 - 1132 ग्राम प्रतिदिन

 (स्त्रोत-हरियाणा सरकार का आर्थिक-सामाजिक सर्वेक्षण)


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