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अटल यादें: हरियाणा के चित्रकार ने बताए वाजपेयी जी के खानपान के राज, खीर में भी डालते थे रसगुल्ला

अटल यादें पूर्व प्रधानमंत्री अटजल बिहारी वाजपेयी का हरियाणा से भी खास जुड़ाव रहा। वह अक्‍सर हरियाणा आते थे और यहां के कई लाेगाें का उनसे खास जुड़़ाव रहा। ऐसे ही लाेगों में शामिल चित्रकार वीपी वर्मा ने अटल जी के यादों को साझा किया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 01:27 PM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 01:27 PM (IST)
अटल यादें: हरियाणा के चित्रकार ने बताए वाजपेयी जी के खानपान के राज, खीर में भी डालते थे रसगुल्ला
पूव्र पीएम अटज बिहारी वाजपेयी की कलाकृति के साथ वीपी वर्मा।

करनाल, [पवन शर्मा]। मृदुभाषी भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी मीठे के ही शौकीन थे। उन्हें बंगाली रसगुल्ला और खीर बहुत पसंद थी। पसंद भी ऐसी की खीर में भी रसगुल्ला डलवाते थे। ये यादें ताजा कर रहे हैं हरियाणा के वरिष्ठ चित्रकार वीपी वर्मा। वे कहते हैं कि वह अकसर स्वाद बढ़ाने के लिए वह देसी घी या रसगुल्ला डलवाते और करीबियों को भी खिलाते। उनके साथ रहने से ऐसा अनुभव हासिल हुआ।

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हरियाणा के वरिष्ठ चित्रकार वीपी वर्मा को मिला था कई साल तक सानिध्य

1970 का दशक था, जब अटल जी उस दौर में जनसंघ सहित विभिन्न राजनीतिक दलों का विलय करके बनी जनता पार्टी के वरिष्ठ और सक्रिय नेता के रूप में लोकप्रिय हुए। मूल रूप से सोनीपत के रहने वाले वीपी वर्मा तब बतौर चित्रकार और कार्टूनिस्ट के तौर पर पहचान बनाने के लिए प्रयासरत थे। इसी सिलसिले में अक्सर दिल्ली जाते तो स्वामी इंद्रवेश और स्वामी अग्निवेश से उनका मिलना होता। उनके कई शिष्य नियमित योगाभ्यास करते, जिनके लिए अक्सर खीर बनती थी। यही खीर अक्सर अटल जी खाते तो उन्हें भी इसका स्वाद चखने का अवसर मिल जाता।

स्वभाव से भी मीठे थे अटल

स्वभाव से काफी विनोदी अटल जी कई बार मिठास और स्वाद बढ़ाने के लिए खीर में खासतौर पर बंगाली रसगुल्ला तो कभी दो चम्मच घी भी डलवाते। वे इसका सेवन अकेले नहीं करते, बल्कि औरों को भी कराते थे। जो भी यह अनूठी डिश खाता, आनंदित हो जाता। इसके अलावा वह दाल-चावल, कढ़ी, खिचड़ी से लेकर चायनीज फूड तक खूब पसंद करते थे। वर्मा बताते हैं कि कई बार अटल जी से सामयिक विषयों को लेकर गहन मंथन होता, जिनसे रोचक कार्टून बनाने में कारगर मदद मिलती। खुद पत्रकार और कवि रहे अटल जी संवेदनशील विषयों पर इतने अच्छे ढंग से समझाते कि बहुत सुखद अनुभूति होती।

पारदर्शिता के प्रबल हिमायती थे

सच है कि अटल अपने नाम के अनुरूप अटल ही थे, जो सदा राजनीति में शुचिता और पारदर्शिता के प्रबल हिमायती रहे। करीब चार-पांच वर्ष तक ऐसे महान व्यक्तित्व का सान्निध्य मिलना उन्हें सदा गर्व का एहसास कराता है।

साढ़े 14 फुट का स्टेच्यू बनाया

करनाल स्थित अटल पार्क में उनकी स्मृति में स्टेच्यू बनाने के लिए हरियाणा सरकार ने वर्मा को ही चुना। 25 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साढ़े 14 फुट ऊंचे इस स्टेच्यू का लोकार्पण किया था। वर्मा ने बताया कि शुद्ध तांबे से बने इस स्टेच्यू को उन्होंने अटल जी के महान शुचितापूर्ण व्यक्तित्व को समर्पित किया। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के चीफ आर्किटेक्ट से महीनों तक अटल जी के चेहरे की एक-एक भाव मुद्रा, परिधानों और अन्य पहलुओं पर गहन मंथन के बाद जब उन्होंने अपनी परिकल्पना को मूर्त रूप दिया तो सीएम सहित हर किसी ने उनके काम को भरपूर सराहा।

जयंती पर चित्रांजलि से नमन

भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर वीपी वर्मा ने उनका सुंदर चित्र भी तैयार किया है ताकि वह अपने प्रिय नेता को चित्रांजलि दे सकें। वर्मा बताते हैं कि अटल जी से जुड़ी यादों पर जल्द ही चित्रों की विशेष श्रेणी भी तैयार करेंगे।


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