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Haryana Weather Update: मौसम को लेकर किसानों के लिए राहत भरी खबर, जानिए क्‍या कहते हैं आंकड़ें

किसानों के लिए राहत भरी खबर है। मार्च माह में वर्ष 2013 के बाद इस बार सबसे कम बरसात हुई। वर्ष 2020 में मार्च माह में हुई बरसात ने बिगाड़ दिया था खेल। गेहूं की फसल को हुआ था व्यापक नुकसान।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 25 Mar 2021 01:39 PM (IST)Updated: Thu, 25 Mar 2021 01:39 PM (IST)
Haryana Weather Update: मौसम को लेकर किसानों के लिए राहत भरी खबर, जानिए क्‍या कहते हैं आंकड़ें
मौसम से किसानों को राहत मिली है।

करनाल, जेएनएन। मार्च माह में वर्ष 2103 के बाद इस बार सबसे कम बरसात दर्ज की गई है। इसलिए किसानों के लिए बरसात को लेकर जो चिंता थी वह लगभग दूर हो चुकी है। क्षेत्र में 17 मार्च से मौसम में उतार-चढ़ाव लगातर देखने को मिल रहे थे, लेकिन अब होली तक मौसम शुष्क व साफ रहेगा। मार्च माह में अभी बरसात की संभावना भी नजर नहीं आ रही है।

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अब पश्चिमी विक्षोभ पूर्वी दिशा में निकल गया है तथा चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी कमजोर हो गया है। इसके चलते मौसम फिर से शुष्क होने लगा है। अगले पश्चिमी विक्षोभ के 28 मार्च को उत्तर के पहाड़ी राज्यों के पास आने की उम्मीद है। इसका असर पहाड़ी इलाकों में देखने को मिलेगा, लेकिन मैदानी क्षेत्रों पर इसका प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा। मौसम विभाग का मानना है कि होली की पूर्व संध्या से लेकर यानि 28 मार्च की संध्या को होलिका दहन के समय से रंगोत्सव के दिन अर्थात 29 मार्च तक प्रदेश में बरसात नहीं होगी। मौसम के कई दिनों तक शुष्क रहने की संभावना के बीच होली से देश के अधिकांश हिस्सों में तापमान में वृद्धि होने की संभावना है।

पिछले कुछ सालों में मार्च माह में हुई बरसात की स्थिति

वर्ष              बरसात एमएम में

2013 0.4

2014 51.6

2015 127.6

2016 46.5

2017 7.8

2018 नो ट्रेस

2019 7.4

2020 160.3

2021 4.0

नोट : यह आंकड़े मौसम विभाग की ओर से जारी किए गए हैं।

जब भी मार्च माह में बरसात अधिक हुई, उत्पादन पर पड़ा असर

कृषि एवं कल्याण विभाग के पूर्व तकनीकी अधिकारी डा. एसपी तोमर ने कहा कि मार्च के महीने में जब भी अधिक बरसात हुई है उसका असर उत्पादन पर पड़ा है। बरसात व तेज हवा के कारण फसलें जमीन में बिछ जाती हैं। जिसका असर दाने की ग्रोथ पर पड़ता है और उत्पादन कम होता है। इस साल बरसात तो हुई है, लेकिन इसका ज्यादा असर नहीं दिखाई देगा। जिले में इस वर्ष 1.72 लाख हैक्टेयर में गेहूं की बुआई की गई है।

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