हरियाणा में ठंड का प्रकोप जारी, धूप न निकलने से बढ़ी परेशानी, सब्जियों को भी नुकसान
हरियाणा में ठंड का प्रकोप जारी है। धूप न निकलने से परेशानी और बढ़ गई है। सबसे ज्यादा दिक्कत बुजुर्गों और बच्चों को हो रही है। इस मौसम में जुकाम खांसी व बुखार होने का ज्यादा खतरा रहता है। वहीं सब्जियों को भी इससे नुकसान पहुंच रहा है।
कैथल, जागरण संवाददाता। पिछले करीब एक सप्ताह से ठंड का प्रकोप जारी है। ठंड से बचाव को लेकर लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। बढ़ती ठंड से जन-जीवन प्रभावित हो गया है। धूप भी नहीं निकल रही है। सोमवार को दोपहर के समय एक घंटा ही सूर्यदेव के दर्शन हुए थे, मंगलवार को तो दिनभर सूर्यदेव के दर्शन तक नहीं हुए। ठंड से बचाव को लेकर लोग घरों में दुबके रहे। सुबह व शाम को तो ज्यादा ठंड पड़ रही है, हालांकि धुंध न होने से कुछ राहत मिल रही है।
सुबह के समय तो लोग रास्ते में वाहन रोककर अलाव भी सेकते हुए नजर आते हैं। शहर के बाजार भी सुबह के समय देरी से खुल रहे हैं। बढ़ती ठंड में खांसी, जुकाम के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इस मौसम से छोटे बच्चों व बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है, वहीं सब्जियों की फसल को भी नुकसान हो रहा है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 13.0 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
विटामिन डी की कमी को पूरा करती है धूप : डा. अग्रवाल
जिला नागरिक अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. अनिल अग्रवाल ने बताया कि स्वास्थ्य के लिए धूप जरूरी है। धूप शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा करती हैै। अब एक सप्ताह से आसमान में छाए बादलों के चलते सूर्यदेव के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं तो विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए बच्चों की सेहत का विशेष ध्यान रखें। दो साल से कम बच्चों को तो मां का दूध पीने से विटामिन डी की कमी पूरी हो जाती है, लेकिन इससे ज्यादा आयु के बच्चों की सेहत को लेकर खान-पान, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। विशेष सावधानी बरतने पर ही हम बच्चों को इंफेक्शन से बचा सकते हैं। इस मौसम में जुकाम, खांसी व बुखार होने का ज्यादा खतरा रहता है। अगर बच्चों की सेहत के प्रति जागरूक रहेंगेे तो विटामिन डी की कमी नहीं आएगी। छोटे बच्चों को मां का दूध पिलाते रहें, सर्दी से बचाव को लेकर गर्म कपड़े पहनाएं। स्वास्थ्य संबंधित दिक्कत आने पर विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लेकर इलाज लें।
सब्जियों की फसल को नुकसान : रमेश
कृषि विज्ञान केंद्र के समन्वयक रमेश वर्मा ने बताया कि कई दिनों से आसमान में बादल छाए हुए हैं। 21 व 22 जनवरी को बरसात होने की संभावना है। मौसम सामान्य न होने से सब्जियों की फसल को नुकसान है, क्योंकि पिछले सप्ताह ही बरसात हुई थी, खेतों में पानी अभी भी जमा है। धूप न निकलने से सब्जियों को नुकसान हो सकता है, लेकिन गेहूं व सरसों को इस मौसम से फायदा है। वर्मा ने बताया कि मंगलवार को अधिकतम तापमान 13.0 व न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।