रिश्वतकांड में गिरफ्तार एसडीएम के अजब गजब ठाठ, मोहाली में आडी समेत लग्जरी गाडिय़ां देख विजिलेंस भी हैरान
एसडीएम की गिरफ्तारी के लिए विजिलेंस की टीम मोहाली गई थी। वहां पर आडी समेत लग्जरी गाडिय़ां देख टीम हैरान रह गई। कैथल एसडीएम के तीन बैंकों में खाते। सैनीमाजरा टोल के पास से एसडीएम को किया था गिरफ्तार।

अंबाला, [दीपक बहल]। रिश्वतकांड में गिरफ्तार किए गए कैथल के एसडीएम अमरेंद्र सिंह मनैस ने विजिलेंस पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। आरोपित अधिकारी के मोहाली स्थित आवास पर जब विजिलेंस टीम छापामारी करने गई थी, उस समय आडी सहित चार लग्जरी गाडिय़ां खड़ी थीं, जिसे देखकर टीम हैरान हो गई थी। पूछताछ में अधिकारी ने बताया कि आडी और इनोवा इनके पिता के नाम हैं, जबकि फाच्र्यूनर साले के नाम पर है। जिस थार गाड़ी में गिरफ्तार किया गया, वह एसडीएम के नाम पर है। पंचकूला जिला परिवहन अधिकारी-कम-सचिव (डीटीओ) होते हुए अमरेंद्र को अंबाला का चार्ज दिया गया था। महज चालीस दिन में ही ओवरलोडेड वाहनों को स्टीकर देकर रिश्वतखोरी का खेल शुरू कर दिया। आरोपित के तीन बैंक खाते हैं। अभी तक पूछताछ में इन खातों में पांच लाख रुपये होने की बात स्वीकारी है, जबकि विजिलेंस इन खातों को खंगालेगी।
अमरेंद्र सिंह को एचसीएस अधिकारी बने महज दो साल का ही समय हुआ था। अमरेंद्र साल 2003 में नायब तहसीलदार के पद पर भर्ती हुए थे। इस रिश्वतकांड में अजय सैनी की गिरफ्तारी होनी है, जबकि उसने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है, जिस पर 24 जनवरी को सुनवाई होनी है।
टोल के पास एसडीएम की गाड़ी के तोड़े थे शीशे
अमरेंद्र सिंह को सैनीमाजरा टोल के पास से गिरफ्तार किया गया था। आरोपित अधिकारी थार गाड़ी में था और भागने का प्रयास किया। इसके चलते एक इनोवा गाड़ी में टक्कर मार दी थी। गुस्साए लोगों ने एसडीएम की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए थे। यह सारा नजारा टोल के सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुआ। विजिलेंस ने आरोपित अधिकारी के मोबाइल, गाड़ी को जब्त कर लिया। आरोपित के मोबाइल की काल डिटेल और बैंक खातों के अलावा अचल संपत्ति की भी जांच की जा रही है।
छिपाते हुए कोर्ट में किया पेश, दो दिन के रिमांड पर
एसडीएम अमरेंद्र सिंह को विजिलेंस ने छिपाते हुए अंबाला कोर्ट में पेश किया। आरोपित का रिमांड मांगा गया, जिसके चलते कोर्ट ने दो दिन का रिमांड मंजूर किया है। रिमांड में आरोपित ने अपनी सर्विस रिकार्ड और किन पदों पर तैनात रहे, उसकी जानकारी दी।
यह है मामला
कैथल के ट्रांसपोर्टर देवराज की शिकायत पर विजिलेंस ने कार्रवाई की थी। देवराज का कहना था कि ओवरलोडेड वाहनों की चेकिंग के दौरान रिश्वत ली जाती थी। जिन वाहनों पर फ्रेश फ्रूट के स्टीकर लगे होते थे, उनको नहीं रोका जाता था। देवराज का कहना था कि तीन नवंबर 2021 को उसके ट्रक को रोका और बीस हजार रुपये की रिश्वत ली गई। इसी तरह 19 नवंबर 2021 को 18 हजार रुपये और 17 दिसंबर 2021 को बारह हजार रुपये भी उससे रिश्वत ली गई। उनकी शिकायत पर विजिलेंस ने डीटीओ विभाग के एएसआइ जसपाल ङ्क्षसह को गिरफ्तार किया था, जिससे पूछताछ में अजय सैनी का नाम सामने आया था।
Edited By Anurag Shukla