पानीपत पहुंचीं कुमारी सैलजा, जलमाना के बाद आढ़तियों के बीच बैठीं, सरकार को घेरा
पानीपत में एक दिन पहले पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बाद अब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा भी पहुंची। पहले जलमाना गईं इसके बाद आढ़तियों से मिलीं।
पानीपत, जेएनएन। कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा शुक्रवार को पानीपत पहुंचीं। सबसे पहले जलमाना गांव में पहुंची। यमुना नदी में छह लोगों की डूबने से मौत हो गई थी। चार जलमाना गांव के थे। हादसे में अपनों को खो चुके परिवार को ढांढस बंधाया। एक दिन पहले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी जलमाना गांव में पहुंचे थे।
सैलजा इसके बाद आढ़तियों के बीच पहुंचीं। आढ़तियों ने किसानों के समर्थन में धरना दिया हुआ है। आढ़तियों ने धान की खरीद भी अब बंद कर दी है। सैलजा ने आढ़तियों और किसानों का समर्थन करते हुए प्रदेश सरकार को घेरा।
आढ़तियों ने अपनी मांगों की अनदेखी और तीन अध्यादेशों के विरोध में शुक्रवार से हड़ताल शुरू कर दी है। आढ़तियों ने हड़ताल के चलते धान की 1509 किस्म की खरीद भी बंद कर दी है। आढ़तियों ने साफ किया है कि जब तक उनकी सुनवाई नहीं होती, तब तक आढ़तियों की हड़ताल जारी रहेगी।
हड़ताल लंबी चली तो होगी परेशानी
आढ़तियों की हड़ताल लंबी चलने पर किसानों के सामने समस्या खड़ी हो सकती है। इन दिनों धान की फसल खेत में पककर तैयार खड़ी है। पहले ही किसान सरकारी खरीद शुरू होने का इंतजार कर रहे थे। खरीद शुरू होते ही अनाज मंडियां धान से अंट जाएंगी। पिछले सप्ताह भर से अनाज मंडियों में वैसे ही धान की आवक तेज हो गई है। ऐसे में किसानों को एक राहत 1509 किस्म की धान की बिक्री होने पर मिल रही थी। लेकिन अब आढ़ती और व्यापारी हड़ताल के चलते शुक्रवार से इसकी खरीद भी बंद कर रहे हैं। ऐसे में अनाज मंडियों में धान के ढेर लग सकते हैं।
दो दिन पहले बैठक कर दिए थे निर्देश
अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन की दो दिन पहले ही जिला स्तरीय बैठक हुई थी। इस बैठक में आढ़तियों ने साफ कर दिया था कि शुक्रवार से हड़ताल शुरू होते ही अनाज मंडियों में कामकाज बंद कर दिया जाएगा। कुरुक्षेत्र एसोसिएशन के जिला प्रधान बनारसी दास ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं करती हड़ताल वापस नहीं होगी। थानेसर नई अनाज मंडी में एसोसिएशन की ओर से दोपहर को आढ़तियों की बैठक बुलाई गई है। नई अनाज मंडी थानेसर के प्रधान दयाल चंद ने बताया कि सरकार आढ़तियों की आढ़त पर ब्याज दे और अन्य मांगों को जल्द पूरा करे। इन मांगों के पूरा होने पर ही आढ़ती हड़ताल वापस लेंगे।