Move to Jagran APP

तबादला करवाने वाले रोडवेज कर्मियों की अटकी सेलरी, तीन माह से आर्थिक तंगी से जूझ रहे Panipat News

आपसी तबादला करवाने वाले 1100 रोडवेज कर्मियों की तीन माह से पगार अटकी है। न तो पहले जिस डिपो में थे वहां और न ही जिस डिपो में अब कार्यरत हैं वहां सेलरी बनी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 12:30 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 12:30 PM (IST)
तबादला करवाने वाले रोडवेज कर्मियों की अटकी सेलरी, तीन माह से आर्थिक तंगी से जूझ रहे Panipat News
तबादला करवाने वाले रोडवेज कर्मियों की अटकी सेलरी, तीन माह से आर्थिक तंगी से जूझ रहे Panipat News

पानीपत/जींद, [प्रदीप घोघडिय़ां]। प्रदेश में रोडवेज के विभिन्न डिपो में जिन चालक-परिचालकों ने पिछले साल नवंबर-दिसंबर महीने में आपसी स्थानांतरण (म्युच्यूअल ट्रांसफर) नीति के तहत तबादले करवाए थे, उनकी तीन महीने की पगार अटक गई है। ऐसे में इन चालक-परिचालकों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। ट्रांसफर से पहले जिस डिपो में यह कर्मचारी तैनात थे, वहां पर भी सेलरी नहीं बन पाई और आपसी तबादले के बाद जिस डिपो में अब ड्यूटी कर रहे हैं, वहां भी नवंबर महीने के बाद पगार इन चालक-परिचालकों नहीं मिल पाई है। 

loksabha election banner

आपसी तबादला नीति से मतलब है कि अगर कोई कर्मचारी दूसरे डिपो में जाना चाहता है और दूसरे डिपो का कर्मचारी उस डिपो में आना चाहता है तो वह आपस में स्थानांतरण करवा सकते हैं। दोनों की आपसी सहमति से एक-दूसरे डिपो में बदली हो सकती है। बताते चलें कि पिछले साल नवंबर और दिसंबर महीने में प्रदेश के सभी रोडवेज डिपो के 1100 चालक-परिचालकों और सब इंस्पेक्टरों ने स्थानांतरण तबादला नीति के तहत आपसी तबादले करवाए थे। इन कर्मचारियों के तबादले तो हो गए लेकिन उसके बाद इनकी पगार ही नहीं बन पाई। दरअसल डिपो में तो यह कर्मचारी एक-दूसरे डिपो में स्थानांतरित हो गए लेकिन मुख्यालय के लेवल पर इन्हें अभी तक रिलीव नहीं किया गया। एचआरएमएस(ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम) में इन चालक-परिचालकों को उनके मूल डिपो में ही दिखाया जा रहा है। इस कारण इन कर्मचारियों की पगार नहीं बन पा रही है। 

चालक-परिचालक झेल रहे आर्थिक तंगी

लगभग तीन महीने से चालक-परिचालकों को पगार नहीं मिल रही, जिससे इन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। इन्हें भी अपना परिवार चलाना है। वह यूनियन की तरफ से मांग करते हैं कि प्रदेश के सभी 1100 कर्मचारियों की सेलरी जल्द से जल्द बनाई जाए। एचआरएमएस को अपडेट किया जाए।  

अनूप लाठर, प्रधान, कर्मचारी महासंघ, जींद डिपो। 

मुख्यालय को करवाया समस्या से अवगत 

चालक-परिचालकों की पगार संबंधी समस्या को विभाग के मुख्यालय से अवगत करवाया जा चुका है। उन्हें उम्मीद है जल्द ही चालक-परिचालकों की सेलरी बन जाएगी और उन्हें मिल जाएगी। 

बिजेंद्र हुड्डा, महाप्रबंधक, जींद डिपो।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.