भारत पाकिस्तान के बंटवारे के बाद अंबाला में बसे दुकानदारों के हमराह बने हरियाणा के गृहमंत्री, 73 साल बाद जीती लड़ाई
73 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद हरियाणा के गृहमंत्री बने दुकानदारों के हमराह। होगी रजिस्ट्री। बटवारे के बाद अंबाला पहुंचे लोगों रिफ्यूजी मार्केट में पक्की दुकान बनवाने की थी मनाही। इस फैसले के बाद दुकानदार को राहत मिली।
अंबाला, जागरण संवाददाता। भारत पाकिस्तान के बटवारे के बड़ी संख्या में अंबाला पहुंचे लोगों को कमाने खाने के लिए कंटोनमेंट बोर्ड ने रिफ्यूजी मार्केट (राय मार्केट) और रंधवा मार्केट (रेलवे रोड) पर 236 स्टाल लगाने के लिए 90 साल की लीज पर जगह आवंटित की। इसके लिए आवंटियों से प्रत्येक वर्ष बोर्ड में 22 रुपए 60 पैसे वार्षिक लीज की फीस निर्धारित की।
धीरे धीरे तीस साल का समय बीत गया और यहां के सभी स्टाल अंदरखाने पक्के दुकान में तब्दील हो गए। इसी बीच यह जमीन मुनिसपल कार्पोरेशन के हक में सरकार ने दे दी और कार्पोरेशन ने इन दुकानों पर कब्जा जाने की कोशिश शुरू कर दी। यह देख दुकानदारों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और फैसला हक में आया। कोर्ट ने दुकानदारों की वार्षिक लीज की फीस को 11 रुपए बढ़ा दिया।
दुकानदारों ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए बढ़ाई गई लीज की धनराशि जमा करना शुरू कर दिया। इस पर कार्पोरेशन ने इन दुकानों पर 450 रुपए वार्षिक हाउस (प्रॉपर्टी) टैक्स वसूलना शुरू कर दिया। अब इन दुकानदारों की वर्षो पुरानी समस्या का समाधान करने के लिए राज्य के गृहमंत्री अनिल विज हमराह बनकर आए और एसडीएम को आदेश दिया कि हम सरकार है, आदेश देता हूं कि इनकी दुकानों की रजिस्ट्री कलेक्टर रेट के अनुसार करा दिया जाए।
पूर्व के तीन सीएम तक पहुंचा था मामला
राय मार्केट के प्रधान हरप्रीत सिंह बब्बर बताते हैं कि यहां के दुकानदारों की दो से तीन पीढ़ियां यहां कारोबार करती आ रही है। पर इन्हें दुकान का मालिकाना हक नहीं है। ऐसे में यह मामला पहले चौधरी देवी लाल, वंशीलाल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा को समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन कोई हल नहीं निकला। अब कैंट के विधायक और राज्य के गृहमंत्री अनिल विज ने हमारी समस्या को दूर कराने की ठानी और जो आदेश दिए हैं उससे साफ होता है कि यह अंबाला छावनी के सच्चे जनप्रतिनिधि हैं।