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वेंटीलेटर से लैस होंगी स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस, बेसिक लाइफ कन्वर्ट होंगी स्पोर्ट एडवांस लाइफ स्पोर्ट में

हरियाणा स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की एंबुलेंस वेंटीलेटर से लैस होगी। करनाल में तीन नई एंबुलेंस भी आईं। इन एंबुलेंस की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया हुई पूरी बेड़े में जल्द शामिल किया जाएगा बेसिक लाइफ स्पोर्ट को एडवांस लाइफ स्पोर्ट में किया जाएगा कन्वर्ट।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 20 Jul 2021 11:42 AM (IST)Updated: Tue, 20 Jul 2021 11:42 AM (IST)
वेंटीलेटर से लैस होंगी स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस, बेसिक लाइफ कन्वर्ट होंगी स्पोर्ट एडवांस लाइफ स्पोर्ट में
हरियाणा स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की एंबुलेंस में वेंटीलेटर भी होगा।

करनाल, जागरण संवाददाता। करनाल को तीन नई एंबुलेंस मिली हैं। जिनका रजिस्ट्रेशन कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इन बेसिक लाइफ स्पोर्ट एंबुलेंस को जल्द बेड़े में शामिल किया जाएगा। अच्छी बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग करनाल को तीन आधुनिक वेंटीलेटर भी मिले हैं, जिनको एंबुलेंस में शिफ्ट किया जाएगा। बेसिक लाइफ स्पोर्ट एंबुलेंस को एडवांस लाइफ स्पोर्ट में तब्दील किया जाएगा।

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स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक वेंटीलेटर से लैस होकर यह एंबुलेंस मरीजों की जान बचाएंगे। स्वास्थ्य विभाग में एएलएस एंबुलेंस नहीं होने के कारण जेब ढीली करनी पड़ती थी, लेकिन अब यह एक काल पर ही मरीजों के लिए उपलब्ध होंगी। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि सभी 25 एंबुलेंस के बेड़े में तीन एडवांस लाइफ स्पोर्ट जुड़ जाने के बाद बेड़ा ओर अधिक मजबूत हो गया है। गौरतलब है कि इससे पहले भी करनाल जिले को दो बार एडवांस लाइफ स्पोर्ट एंबुलेंस मिल चुकी हैं, एक को कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज को हैंडओवर कर दिया गया था, एक एंबुलेंस कंडम हो चुकी है।

जिले में एंबुलेंस से कितने प्रतिशत हो पाते हैं कवर

स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक वैसे तो विभाग के पास 25 स्वीकृत एंबुलेंस है। इस समय बेड़ा पूरा हो गया है। जिले में रोजाना औसत 80 डिलीवरी होती हैं, इसमें से महज 40 फीसदी को ही सरकारी एंबुलेंस मिल पाती है। बाकी को निजी वाहन लेकर अस्पताल आना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर रोजाना दो सड़क हादसे होते हैं, जिसमें से सरकारी एंबुलेंस मुश्किल से एक घटनास्थल पर पहुंच पाती है। लेकिन एएलएस एंबुलेंस के बेड़े में शामिल हो जाने के बाद गंभीर मरीजों की जान बचाई जा सकेगी।

यह होना चाहिए एंबुलेंस का कोरम

नियमों के मुताबिक दो प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों पर एक एंबुलेंस हर हाल में होनी चाहिए। एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक और सब डिवीजनल अस्पताल में दो, नागरिक अस्पताल में चार एंबुलेंस का होना अनिवार्य है। नागरिक अस्पताल में दो किलकारी एंबुलेंस अलग से होनी चाहिए। इधर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का फायदा ले रहे निजी अस्पताल विभाग के पास एंबुलेंस की कमी का फायदा निजी अस्पताल ले रहे हैं। टोल प्लाजा, नेशनल हाईवे जहां पर हादसे ज्यादा होते हैं और सार्वजनिक स्थानों पर निजी अस्पतालों की एंबुलेंस तैनात रहती हैं।

जिले को तीन बेसिक लाइफ स्पोर्ट एंबुलेंस मिली हैं। तीन वेंटीलेटर भी मिले हैं, जिनको बीएलएस को शिफ्ट कर उन्हें एएलएस में कन्वर्ट किया जाएगा। हमारे पास एडवांस लाइफ स्पोर्ट एंबुलेंस होने से निश्चित तौर पर फायदा होगा। सड़क हादसे में गंभीर लोग व गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को रेफर करने में यह मददगार साबित होंगी। इस समय एंबुलेंस का कोरम भी पूरा है। सभी वर्किंग में हैं। नई एंबुलेंस के रजिस्ट्रेशन का काम लगभग पूरा किया जा चुका है, इनको जल्द ही बेड़े में शामिल किया जाएगा।

डा. योगेश शर्मा, सिविल सर्जन करनाल।


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