हरियाणा को शराब से मात्र आठ महीने में आठ हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त
शराब घोटाले के बाद सरकार की सख्ती का फायदा हुआ है। सरका का राजस्व बढ़ा है। पहली बार ऐसा हुआ है कि हरियाणा सरकार को शराब से अब तक सबसे ज्यादा राजस्व मिला है। हरियाणा को शराब से आठ महीने मं आठ हजार करोड़ रुपये का राजस्व मिला।
अंबाला, [दीपक बहल]। प्रदेश में नौ अरब के शराब घोटाले के बाद सरकार ने चेता और सख्ती इसके खिलाफ सख्ती दिखाई। इसका परिणाम हुआ कि मात्र आठ महीने में सरकार को आठ हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। हरियाणा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। हालांकि अभी चालू वित्त वर्ष (मई 2021 तक) के चार माह बचे हैं। इसमें भी सरकार को करीब दो हजार करोड़ रुपये के राजस्व का अनुमान है।
बता दें कि एसआइटी की रिपोर्ट में भी अरबों का घोटाला उजागर करने के बाद राज्य सरकार की सख्ती के बाद बंपर राजस्व मिला है। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि पहले शराब घोटाले में वरिष्ठ आइएएस टीसी गुप्ता के नेतृत्व में स्पेशल इनक्वायरी कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में अफसरशाही की कार्यप्रणाली उजागर की थी। अब शराब पीकर 44 लोगों की मौत होने के बाद एडीजीपी श्रीकांत जाधव के नेतृत्व में बने विशेष जांच दल (एसआइटी) ने आबकारी और पुलिस विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। दोनों कमेटियों का गठन प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने ही किया था।
सन 2019-20 की बात करें तो आबकारी एवं कराधान विभाग को शराब की बिक्री से करीब 6500 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था जबकि इस बार 2020-21 में महज आठ माह में ही आठ हजार करोड़ के करीब राजस्व प्राप्त हो चुका है। उल्लेखनीय है कि गैरकानूनी ढंग से हरियाणा की शराब सरकार को टैक्स दिए बिना गुजरात, बिहार, दिल्ली, उत्तरपद्गेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड आदि राज्यों में शराब सप्लाई की जा रही थी। हालांकि अभी एडीजीपी श्रीकांत जाधव की रिपोर्ट पर आलाधिकारी अध्ययन कर रहे हैं जिसकी रिपोर्ट सार्वजिनक होने के बाद और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
पिछले साल 34 लाख, अब चालू वर्ष 110 करोड़ अतिरिक्त राजस्व
सन 2019-20 देसी शराब कोटे की बात करें तो 10 लाख 81 हजार 368 रुपये अतिरिक्त उत्पादन शुल्क मिला। अंग्रेजी शराब में 24 लाख 44 हजार 175 रुपये अतिरिक्त उत्पादन शुल्क प्राप्त हुआ था। हालांकि 2019-20 का निर्धारित कोटा पूरे प्रदेश में सारा नहीं उठा था। जबकि चालू वर्ष 2020-21 (इस बार मई से शुरु हुआ) के 8 माह में देसी शराब में 58 करोड़ 91 लाख पांच हजार 845 एवं अंग्रेजी शराब पर 50 करोड़ 31 लाख 17 हजार 325 का अतिरिक्त उत्पादन शुल्क प्राप्त हुआ है।
सरकार से कितनी पेटियां उठाई गईं
2016-17 मे 2 करोड़ 11 लाख
2017-18 में 2 करोड़ 11 लाख
2018-19 में 2 करोड़ 22 लाख
2019-20 में 2 करोड़ 33 लाख
2020-21 में 2 करोड़ 33 लाख
नोट- एक पेटी पर 498 का राजस्वर मिलता है। शराब फैक्ट्री से एक पेटी देसी पर 363 रुपये के करीब एक्साइज ड्यूटी और वैट टीसीएस परमिट फीस लगती है 135 रुपये अतिरिक्त उत्पादन शुलक मिलता है यानि 498 रुपये सरकार को एक पेटी पर राजस्व आता है। लेकिन आमतौर पर दो नंबर की शराब की पेटी 300 से 350 रुपये में मिल जाती है