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कुरुक्षेत्र जेल में बंद कैदियों को हरियाणा सरकार का तोहफा, 13 कैदियों की सजा माफ, जानिए वजह

कुरुक्षेत्र जेल से 13 कैदियों की सजा को सरकार की योजना अनुसार माफ किया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक नवंबर को कैदियों की सजा माफ करने की घोषणा की थी। इसके तहत प्रदेश भर से 250 कैदियों को रिहा किया गया था।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sun, 19 Dec 2021 02:54 PM (IST)Updated: Sun, 19 Dec 2021 03:00 PM (IST)
कुरुक्षेत्र जेल में बंद कैदियों को हरियाणा सरकार का तोहफा, 13 कैदियों की सजा माफ, जानिए वजह
कुरुक्षेत्र जेल से 13 कैदियों की सजा को किया माफ।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। हरियाणा सरकार के आदेशानुसार कुरुक्षेत्र जेल से 13 कैदियों की सजा को माफ किया गया और इन सभी को सरकार के नियमानुसार रिहा भी कर दिया गया है। इन कैदियों को 6 माह से 10 साल तक की सजा सुनाई गई थी। अहम पहलू यह है कि प्रदेश भर से विभिन्न जेलों में 250 कैदियों को रिहा किया गया था।

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हरियाणा दिवस पर सजा माफ करने के दिए थे आदेश

जेल अधीक्षक कुरुक्षेत्र सोमनाथ जगत ने कहा कि हरियाणा दिवस के अवसर पर राज्य सरकार ने कुछ शर्तों के साथ नियमानुसार कैदियों की सजा माफ करने के आदेश दिए थे। इन आदेशों के बाद कुरुक्षेत्र जेल में सभी कैदियों के रिकार्ड को चैक किया गया और सभी का रिकार्ड चैक करने के बाद जो-जो कैदी सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करते थे। उन्हें रिहा करने की औपचारिकताओं को पूरा किया गया। उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र सेक्टर-13 से केवल कृष्ण, लाडवा के गांव दुगारी से अमर सिंह, लाडवा के गाव बपदा से राकेश, थानेसर के गांव बीड़ पिपली से प्रशांत उर्फ प्रभात, उतर प्रदेश शामली के गांव अहमदगढ़ से राजू, शामली के गांव खोकसा के सुनील, लाडवा के गावं बपदा से विजय को रिहा किया गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार के आदेशानुसार थानेसर के गांव छारपुरा से लविश कुमार, पिहोवा के गऊचरान से सुलखन, जनता स्कूल के पास रविदास नगर से विरेन्द्र, फौजी कालोनी थानेसर से रजत, बाबैन के गांव मरचेहड़ी का बिट्टï और थानेसर के गांव मिर्जापुर का बलबीर राज्य सरकार की शर्तों को पूरा करते थे। इन सभी 13 कैदियों को 6 माह से लेकर 10 साल तक की सजा अदालत द्वारा सुनाई गई थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा की विभिन्न जेलों में बंद 250 कैदियों या जो वर्तमान में पैरोल पर है, उनके परिवार के सदस्यों को 1 नवंबर हरियाणा दिवस पर दीपावली का तोहफा देते हुए ऐसे कैदियों जिनकी सजा छह महीने या उससे कम बची है, उनकी सजा माफ करने की घोषणा की थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह घोषणा जघन्य अपराधों में दोषी ठहराए गए कैदियों पर लागू नहीं होगी।


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