शिक्षामंत्री कंवर पाल ने कहा, हम भगवा करने के लिए ही तो आए हैं Panipat News
अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव के उद्घाटन के मौके पर शिक्षामंत्री कंवरपाल पहुंचे। उन्होंने कहा कि हम भगवा करने के लिए ही तो आए हैं।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। सरस्वती उद्गम स्थल आदिबद्री पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने दो टूक कहा कि हम भगवा करने के लिए ही आए हैं। बोले, विपक्ष कहता है कि सरस्वती नदी पर जो खर्च किया जा रहा है वह पैसे की बर्बादी है। लेकिन हमें तो अभी बहुत काम करना बाकी है। सभ्यता व संस्कृति को बचाना ही हमारा उद्देश्य है। इससे हम पीछे नहीं हटेंगे।
गुर्जर ने कहा कि जब जब वह छोटे थे तब दाती कहती थी कि धरती के नीचे सरस्वती नदी बहती है। अब तो नासा (नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनेस्ट्रेशन) ने भी दादी की बात को प्रमाणित कर दिया कि सरस्वती नदी जमीन के अंदर बह रही है। हम सरस्वती में जल प्रवाहित करेंगे, जैसे पहले होता था। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार ने योजना तैयार कर ली है। इस नदी से हमारा गौरव जुड़ा है। प्राचीन ग्रंथ व वेद सरस्वती के किनारे पर ही लिखे गए हैं। फिर भी विरोधी कहते हैं कि सरस्वती कहां है? विज्ञानियों की जांच में जो जल, रेत व पत्थर आदिबद्री उद्गम स्थल से लेकर गुजरात तक मिले हैं। यह देखने के बाद ही हमने सरस्वती नदी को पुर्नजीवित करने के लिए काम शुरू किया है। संस्कृति व सभ्यता को बचाना सभी का कर्तव्य है। इसी को हम निभा रहे हैं। 50 से ज्यादा सभ्यताओं में से 49 खत्म हो गईं। केवल ङ्क्षहदू सभ्यता ही बची है। इसके लिए महापुरुषों ने त्याग व बलिदान दिया है।
जब नारी को बराबर के अधिकार थे तब विश्वगुरु थे हम
महोत्सव में महिलाओं की संख्या अच्छी थी। मंत्री कंवरपाल ने यह देख कहा कि भारत विश्व गुरु था। तब महिलाओं को बराबरी के अधिकार थे। वे ज्ञानी थीं। जहां पर नारी का सम्मान नहीं होता। वहां पर खुशहाली नहीं होती। उन्होंने उदाहरण दिया सभी कि देवियों में एक देवी मां काली भी है। जब महिलाओं पर अत्याचार बढ़ जाता है तो वह काली का रूप धारण कर लेती हैं। अत्याचार करने वालों का नाश कर देती हैं।