हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष बोलीं- किसानों के खिलाफ काले कानून मंजूर नहीं
हरियाणा के जींद में कृषि विधेयकों के विरोध में चल रहे धरने में हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा पहुंचीं। उन्होंने कहा धनाढ्य लोगों के लिए भाजपा सरकार काम कर रही। कांग्रेस संसद से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ेगी।
पानीपत/जींद, जेएनएन। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार धनाढ्य लोगों के लिए काम कर रही है। किसान, मजदूर व गरीब आदमी के हितों से उसे कोई लेना-देना नहीं है। अब किसानों के खिलाफ काले कानून ले आई है। कांग्रेस किसी सूरत में इन कानूनों को मंजूर नहीं करेगी और संसद से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ेगी।
सोमवार को जींद में लघु सचिवालय के बाहर कृषि विधेयकों के विरोध में धरने को संबोधित करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि तीन नए कृषि कानून सिर्फ बड़े कारोबारियों के फायदे के लिए लाए गए हैं। इन कानूनों से मंडी सिस्टम खत्म हो जाएगा। साथ ही, एमएसपी प्रणाली भी खत्म हो जाएगी, जिस कारण किसानों की फसल को उचित दाम नहीं मिलेगा। यह तीनों बिल गरीब किसान, मजदूर तथा आढ़ती के लिए काले बिल हैं। कांग्रेस पार्टी संसद से सड़क तक इनका डटकर विरोध करेगी।
शैलजा ने कहा कि प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि एमएसपी और मंडी सिस्टम खत्म नहीं होगा, लेकिन कानून में यह बात क्यों नहीं लिखी। देश उनकी बात पर कैसे भरोसा करे। उन्होंने तो यह भी कहा था कि हर गरीब के खाते में पांच लाख रुपये आ जाएंगे। अब देश की जनता दोबारा उनके बहकावे में नहीं आएगी। यह कानून लागू होने के बाद किसान कोर्ट में भी चैलेंज नहीं कर सकेगा।
किसान-मजदूर को अपने-पराए की पहचान करनी होगी: कुंडू
महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू मंगलवार को कृषि अध्यादेशों के विरुद्ध जींद की अनाज मंडी में चल रहे किसान-मजदूर-आढ़ती और कमेरे वर्ग के धरने को समर्थन देने जींद पहुंचे। उन्होंने कहा कि बेशक केंद्र ने धक्केशाही से इन अध्यादेशों को पास करवा लिया है, लेकिन संविधान के मुताबिक कृषि राज्य का विषय है और राज्य सरकार को तुरन्त इनमें जरूरी बदलाव करने चाहिए।
विपक्षियों पर साधा निशाना
कुंडू ने कहा कि दुर्भाग्य का विषय है कि आज कोई भी अन्नदाता के दर्द को महसूस नहीं कर रहा। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष सभी ने किसान-कमेरे को बर्बाद होने के लिए अकेला छोड़ दिया है। विपक्षी दल अपनी राजनीति चमकाने के लिए समर्थन का ड्रामा कर रहे हैं, लेकिन न तो कोई विपक्षी विधानसभा में बोला और ना ही कल संसद और राज्यसभा में इन किसान विरोधी काले कानूनों पर आवाज उठाई। विधानसभा के मेरे द्वारा लगाए गए प्राइवेट बिल को स्वीकार तक भी नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि किसान, कमेरे, मजदूर और आढ़ती वर्ग को अपने-पराए की पहचान करनी होगी। जिन नेताओं को चुनकर आप विधानसभा या संसद में भेजते हो, उनसे सवाल करो। उन नेताओं से पूछो कि उन्होंने विधानसभा, संसद या राज्यसभा में किसान-कमेरे के हकों के लिए क्या किया?
दो अक्टूबर को चौबीसी चबूतरे पर करूंगा अनशन
विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि उन्होंने सरकार को 11 दिन का अल्टीमेटम दिया है। सरकार ने इन किसान विरोधी बिलों में जरूरी सुधार नहीं किये तो वे दो अक्टूबर को महम चौबीसी के चबूतरे पर अनशन पर बैठेंगे। कुंडू की इस बात का धरने पर बैठे सभी लोगों ने समर्थन किया। कुंडू ने कहा कि सरकार का कोई भी आदमी तुम्हारे बीच आये तो उससे सवाल पूछो कि इन बिलों में किसान की फसल की एमएसपी पर खरीद की क्या गारंटी है? इस बात की क्या गारंटी है कि प्राइवेट पर्चेजर किसानों की समय पर पेमेंट करेगा?