Haryana Budget 2022: बजट में शैक्षिक प्रोत्साहन पर फोकस, बाल प्रतिभा को मिलेगा विस्तार
Haryana Budget 2022 हरियाणा सरकार ने कृषि के साथ-साथ शिक्षा का भी ध्यान दिया है। शिक्षा और शैक्षणिक स्तर को सुधारने के लिए कई घोषणाएं की हैं। वहीं लोगों ने भी इस बजट की सराहना की है। उनका कहा है कि सरकार ने हर वर्ग का ध्यान रखा है।
करनाल, जागरण संवाददाता। हरियाणा सरकार के बजट से शैक्षिक क्षेत्र में सुधार की प्रक्रिया पर बेहद गंभीरता के साथ फोकस किया गया है। करनाल में शिक्षाविदों के साथ अभिभावकों ने भी इसे सकारात्मक कदम बताते हुए उम्मीद जताई है कि इन प्रयासों की बदौलत कोरोना काल में पटरी से उतरी शैक्षिक व्यवस्था को नए सिरे से सुचारू करने में कारगर मदद मिल सकेगी।
इस संदर्भ में युवा शिक्षाविद् एवं टैलेंट जोन एकेडमी के निदेशक अरविंद दहिया ने कहा कि नई शिक्षा नीति को लेकर काफी जिज्ञासा है लेकिन सरकार की ओर से की गई घोषणाओं से यह प्रतीत हो रहा है कि आधारभूत स्तर पर ही शैक्षिक व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की साल में दो बार स्वास्थ्य जांच से उन्हें बीमारियों से बचाने व भावी चुनौतियों के लिए तैयार करने में मदद मिल सकेगी। प्रदेश में पांच सौ संस्कृति माडल स्कूल खोले जाने की योजना भी स्वागत योग्य है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बच्चों को विभिन्न प्रकार की मनोवैज्ञानिक समस्याओं से भी जूझना पड़ा। इसे देखते हुए सरकार को स्कूलों में बच्चों और शिक्षकों की नियमित रूप से काउंसिलिंग की भी व्यवस्था करनी चाहिए। इससे उनका मनोबल बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।
अंतरिक्ष परी स्वर्गीय कल्पना चावला के विद्यालय टैगोर बाल निकेतन के प्रधानाचार्य एवं वरिष्ठ शिक्षाविद् राजन लाम्बा ने कहा कि बच्चों की प्रतिभा को पहचानने और उनके कौशल को विस्तार देने के लिए हरियाणा सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। राज्य में पांच सौ नए संस्कृति माडल स्कूल खोलने से ग्रामीण क्षेत्रों में शैक्षिक प्रोत्साहन संभव होगा। इसी तरह 50 एसटीईएम लैब की स्थापना भी स्वागत योग्य कदम है।
आठवीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए ओलंपियाड शुरू करने से बच्चों की प्रतिभा को निखारा जा सकेगा। भौतिकी व गणित विषयों में उच्च स्थान हासिल करने वाले मेधावी बच्चों को नासा व इसरो की सैर कराने से वे इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा हासिल कर सकेंगे। बच्चों की छात्रवृत्ति का दायरा भी बढ़ाया जाना चाहिए। उम्मीद है कि 10वीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चों को टैबलेट मिलेंगे तो आधुनिक तकनीक से जुड़कर वे अपनी मेधा को भी नया आयाम दे सकेंगे। उन्होंने सरकारी स्कूलों में आडियो-विजुअल कक्षाओं की व्यवस्था को भी सराहनीय कदम करार दिया।