Weather Update: बारिश और ओले ने बरपाया कहर, बिछ गया सोना
मौसम के करवट बदलने से बरसात के साथ कई जगहों पर ओले गिरे। बेमौसमी बरसात से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। फसल जमीन पर बिछने से किसानों की चिंता बढ़ गई है।
पानीपत/कैथल, जेएनएन। मौसम के करवट बदलने से बरसात के साथ कई जगहों पर ओले गिरे। बेमौसमी बरसात से न्यूनतम तापमान में तो गिरावट आई। कई जगह गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। फसल जमीन पर बिछने से किसानों की चिंता बढ़ गई है।
सुबह से लेकर शाम तक आसमान घने बादलों से ढका रहा। सुबह नौ से लेकर 10 बजे तक बारिश तेज हुई, लेकिन उसके एक घंटे बाद तक भी बूंदाबांदी जारी रही। सुबह आठ बजे से लेकर शाम पांच बजे तक कैथल में पांच एमएम, कलायत में दो एमएम व गुहला में पांच एमएम बरसात दर्ज की गई। किसानों ने बताया कि इस समय होने वाली बरसात गेहूं की फसल के लिए नुकसानदायक है।
गेहूं की फसल पर बाली आ चुकी हैं और पकने को तैयार है। ऐसे में ओलावृष्टि के साथ बारिश से फसल नष्ट हो जाएगी। बरसात रूकने और शाम को धूप निकलने के बाद किसानों और लोगों ने राहत की सांस ली। इसके साथ शहर के निचले हिस्से में आने वाली बस्तियों में पानी जमा होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। करीब एक घंटे तक तेज बरसात हुई।
11 डिग्री सेल्सियस हुआ न्यूनतम तापमान
बरसात के बाद कैथल जिले के न्यूनतम तापमान में भी कमी आई। बृहस्पतिवार को जिले का अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं 11 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चली तेज हवा में 53 प्रतिशत तक नमी दर्ज की गई। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अगले दो तीन दिन तक मौसम साफ रहेगा।
पिछले बार भी पड़ी थी मौसम की मार
गांव मानस के निवासी किसान शमशेर सिंह ने कहा कि पिछले बार भी किसानों को बेमौसमी बरसात की मार झेलनी पड़ी थी। किसानों की कई एकड़ फसल पानी जमा होने के कारण बर्बाद हो गई थी। इस बार भी आसार ऐसे ही नजर आ रहे हैं। अगर फिर से तेज बारिश या ओलावृष्टि हो जाती है तो किसानों को इससे काफी नुकसान हो सकता है। किसानों की मेहनत खराब हो सकती है।
बरसात के डर से फसलों में नहीं लगाया था पानी
गांव प्योदा के किसान होशियार गिल ने कहा कि पिछले करीब दो महीने से कभी धूप तो कभी बादल आसमान में छाए रहते हैं। इस बार ठंड भी फसल के अनुरूप नहीं पड़ी। कोहरा भी कम पड़ा, जो फसल के लिए लाभदायक है। इसलिए किसानों ने फसलों में पानी भी नहीं लगाया था। पहले हुई बरसात से ही पानी की आपूर्ति हो गई थी। अब फसल पकने को आई है तो बरसात ने किसानों के चेहरे की रौनक गायब कर दी है। किसानों को डर है कि कहीं उनकी मेहनत बेकार न हो जाए।
बरसात होने की जताई संभावना
कृषि विज्ञान केंद्र कैथल के मौसम वैज्ञानिक डॉ. जसबीर ¨सह ने कहा कि जिले में कुछेक जगहों पर ही ओलावृष्टि हुई है। इससे गेहूं की फसल पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगले दो से तीन दिन तक आसमान में हल्के बादल रहेंगे, बरसात होने की संभावना कम है।