पानीपत का श्री हाफिजाबादी राम नाटक क्लब सील, टैक्स चुकाया नहीं, कारें पार्किंग कराने लगे
पानीपत में किले के पास नगर निगम की बड़ी कार्रवाई। 17 लाख रुपये टैक्स जमा नहीं कराने पर हाफिजाबादी राम नाटक क्लब की जगह को सील कर दिया गया है। पांच कारें भी अंदर रह गईं। एक दिन पहले माल की 11 दुकानें सील की थीं।
पानीपत, जेएनन - पानीपत की नगर निगम की टीम ने किले के पास श्री हाफिजाबादी राम नाटक क्लब की जगह को सील कर दिया। इस जगह पर 17 लाख रुपये प्रापर्टी टैक्स बकाया है। क्लब चलाने वालों ने नगर निगम से जगह लीज पर ली। इस जगह पर कुछ लागों ने कारों की पार्किंग शुरू करा दी। कार मालिकों से किराया वसूला जाने लगा। आरोप है कि किसी ने कब्जा करके ये काम शुरू कर दिया। मामला कोर्ट में भी चल रहा है।
पानीपत नगर निगम इन दिनों प्रापर्टी टैक्स वसूलने के लिए सक्रिय है। एक दिन पहले मित्तल मेगा माल की 11 दुकानों को सील किया तो शनिवार को टीम किला के पास श्री हाफिजाबादी राम नाटक क्लब पहुंची। मैदान में कारें खड़ी थीं, साथ ही ड्राइ क्लीन का भी काम चल रहा था। आरोप लगा कि ड्राई क्लीन करने वालों ने कब्जा कर रखा है।
तीन दिन पहले नोटिस
क्लब के लोगों ने बताया कि तीन दिन पहले ही नोटिस आया है। इतने कम समय के नोटिस पर 17 लाख रुपये का बिल कैसे जमा कराया जा सकता है। वहीं, निगम के सिटी प्रोजेक्ट आफिसर राकेश कादियान ने कहा कि कई बार नोटिस दिया गया है। कारें बाहर निकलवा लें। सील लग गई तो कार भी अंदर रह जाएंगी।
पांच कार अंदर रह गईं
नगर निगम की टीम ने काफी देर तक इंतजार किया। करीब दो घंटे बाद मुख्य गेट पर ताला लगा दिया। अब पांच कार अंदर रह गई हैं। सील लगने के बाद कार मालिक पहुंचे। जब तक टैक्स नहीं भरा जाता, तब तक सील लगी रहेगी। तब तक कार भी अंदर रहेंगी।
सीलिंग करने पहुंची नगर निगम की टीम।
कुछ पैसे जमा कराने लगे, सील कार्रवाई नहीं रुकी
प्रापर्टी टैक्स का कुछ हिस्सा जमा कराने के लिए लोग पहुंचे। निगम अधिकारी राकेश कादियान ने कहा कि अब सीलिंग की ही कार्रवाई होगी। सोमवार को निगम कार्यालय में टैक्स जमा करवा देना। इसके बाद सील खोल देंगे।
टैक्स गणना पर सवाल
क्लब के सदसय सुभाष, अजय ने बताया कि यह जगह 3700 गज है। निगम ने 15 हजार गज के हिसाब से प्रापर्टी टैक्स बनाया है। इसमें सुधार करना चाहिए। इतनी बड़ी रकम बन ही नहीं सकती। निगम ने जानबूझकर सील करने के लिए ही इतना बड़ी राशि का नोटिस दे दिया।
17 रुपये सालाना लीज
हैरानी की बात ये है कि महज 17 रुपये सालाना लीज फीस ही ली जाती है। इसके बावजूद प्रापर्टी टैक्स जमा नहीं कराया जा रहा था।
कमिश्नर निलंबत हुए तो कार्रवाई शुरू हुई
प्रदेश के निकाय मंत्री गृहमंत्री अनिल विज ने कुछ दिन पहले नगर निगम के कमिश्नर सुशील कुमार को निलंबित किया था। विज ने कहा था कि नगर निगम प्रापर्टी टैक्स की वसूली नहीं कर पा रहा। इसके लिए कमिश्नर दोषी हैं। सुशील कुमार के निलंबन के बाद से नगर निगम की रिकवरी टीम इतनी सक्रिय हुई कि एक के बाद एक प्रापर्टी को सील किया जा रहा है। अब राजस्व भी बढ़ा है।