Guru Gobind Singh Jayanti 2021: प्रकाशोत्सव पर गुरुद्वारों में पहुंचे श्रद्धालु, श्रीगुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष नवाया शीश
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के प्रकाशोत्सव के अवसर पर संगत गुरुद्वारों में सुबह ही पहुंचना शुरू हो गई। इसके अलावा श्रद्धालुओं ने भी गुरुद्वारा में पहुंचकर शीश नवाया। कैथल कुरुक्षेत्र और अंबाला सहित कई जिलों में प्रकाशोत्सव पर गुरुद्वारा में श्रद्धालु पहुंचे।
पानीपत, जेएनएन। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में संगत गुरुद्वारों में पहुंची। संगत श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष शीश नवाया और सुख-समृद्धि की कामना की।
कुरुक्षेत्र में गुरुद्वारा साहिब में दरबार साहिब अमृतसर से आए ढाड़ी-रागी जत्थों ने गुरु की महिमा का गुणगान किया। दिन भर शबद कीर्तन व कविशरी जत्थे संगत को गुरु चरणों के साथ जोड़ेंगे। रात्रि में भी गुरुद्वारा साहिब में दीवान सजाए जाएंगे। गुरुद्वारे में सुबह ही गुरु का अटूट लंगर बरताया गया, वहीं संगत की ओर से गुरुद्वारा साहिब के बाहर प्रसाद बांटा।
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के प्रकाशोत्सव पर जिले भर के गुरुद्वारों में शबद कीर्तन हुआ। ऐतिहासिक गुरुद्वारा छठी पातशाही में दरबार साहिब अमृतसर से रागी जत्थे पहुंचे और उन्होंने संगत को सिख गुरुओं का इतिहास बताया। संगत को कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज ने धर्म की रक्षा के लिए अपना पूरा परिवार शहीद करा दिया। संगत को गुरु महाराज के बताए मार्ग पर चलते हुए धर्म की रक्षा करनी है। यही गुरुमत है। सिख नशे व गलत प्रवृत्ति में न पड़े और गुरु घर से जुड़े।
जीवन की हर समस्या का समाधान गुरुबाणी में : हरभजन सिंह मसाना
एसजीपीसी कार्यकारिणी सदस्य जत्थेदार हरभजन सिंह मसाना ने सिख संगत को दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के प्रकाश उत्सव की बधाई दी। उन्होंने कहा कि जीवन की हर समस्या का समाधान गुरबाणी में मिलता है, जरुरत है बस उसे सच्ची श्रद्धा से सिमरन करने की। उन्होंने संगत से आह्वान किया कि वे अपने बच्चों को गुरु इतिहास और गुरबाणी से जोड़ें, ताकि भविष्य में वे देश और कौम के लिए उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने में सफल हों।
सरबंसदानी और साहिबजादों से ले प्रेरणा : रघुजीत सिंह विर्क
एसजीपीसी के पूर्व वरिष्ठ उपप्रधान रघुजीत सिंह विर्क ने कहा कि सरबंसदानी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज ने देश, कौम और धर्म के लिए अपना परिवार न्यौछावर कर दिया। उनके चारों साहिबजादों ने अपने पिता के दिखाए मार्ग पर चलते हुए जीवन बलिदान कर दुनिया के लिए अनोखी मिसाल पेश की। इसलिए हमें गुरु साहिब और उनके साहिबजादों के जीवन से प्रेरणा लेकर जीवन में आगे बढ़ना चाहिए।