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किसान नेता चढ़ूनी ने किया सियासत में कूदने का एलान, बनाई संयुक्त संघर्ष पार्टी, पंजाब में दिखाएंगे दमखम

किसान आंदोन समाप्‍त होने के बाद गुरनाम सिंह चढ़ूनी अब सियासी जमीं पर उतरने को तैयार हैं। गुरनाम सिंह चढ़ूनी आज चंडीगढ़ में संयुक्त संघर्ष पार्टी के नाम से नए दल के गठन का एलान कर दिया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 18 Dec 2021 10:32 AM (IST)Updated: Sat, 18 Dec 2021 01:11 PM (IST)
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्‍यक्ष गुरनाम सिंह।

चंडीगढ़/पानीपत, [जेएनएन/एएनआइ]। किसान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने राजनीतिक पार्टी के गठन का एलान कर दिया है। उनकी पार्टी का नाम संयुक्त संघर्ष पार्टी होगा। चंडीगढ़ में पार्टी की घोषणा करते हुए चढूनी ने कहा कि राजनीति प्रदूषित हो गई है। इसे बदलने की जरूरत है। पूंजीवाद को बढ़ावा देने वाले नीति निर्माताओं, पूंजीपतियों के पक्ष में नीतियां बनाई जा रही हैं। आम आदमी, गरीबों के लिए कुछ नहीं किया, इसलिए हम अपनी नई पार्टी लांच कर रहे हैं।

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गुरनाम चढ़ूनी किसान आंदोलन में खासे सक्रिय रहे हैं। गुरनाम सिंह चढ़ूनी किसान आंदोलन खत्‍म होने के बाद सियासी जमींं पर हाथ आजमाएंगे। चढ़ूनी ने कुछ दिन पहले ही राजनीति में आने की घोषणा कर दी थी। हालांकि इस बात का खंडन भी करते रहे। अब आज उन्होंने चंडीगढ़ से अधिकारिक रूप से पार्टी का ऐलान कर दिया है। 

पंजाब से चुनाव लड़ने के कयास

तीन कृषि कानूनों को रद करने के बाद भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। चढूनी ने कहा कि तानाशाही को खत्म करने के लिए राज बदलना होगा। ऐसे लोगों को राजनीति में आगे लाना होगा जो सही मायने में देश व जनता का भला कर सकें। उन्होंने कहा कि अगले दो चार दिनों में ही पंजाब में अपनी पार्टी की घोषणा कर देंगे। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश में टोल टेक्स में बढ़ोतरी की गई तो भारतीय किसान यूनियन इसका डटकर विरोध करेगी। एकजुटता के साथ ही इतनी बड़ी लड़ाई को बिना हथियार के फतह किया गया है।

पंजाब माडल की कर चुके चर्चा

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्‍यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने पंजाब माडल का दावा किया था। उन्‍होंने कहा था कि राजनीति मैदान में उतरने के बाद देश के सामने पंजाब माडल पेश किया जाएगा। वहीं अन्‍य राज्‍यों में चुनाव लड़ने क‍ि बात पर चढ़ूनी ने कहा था कि अभी मिशन पंजाब है। पंजाब में पार्टी बनाकर उम्‍मीदवारों को उतारेंगे। हालांकि अभी वो खुद चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस बात को नकारा था।

आंदोलन के दौरान राजनीति में आने की थी चर्चा

किसान आंदोलन के दौरान सक्रिय भूमिका निभाने वाले चढ़ूनी पर पहले भी राजनीतिक हस्‍तक्षेप के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि आंदोलन के दौरान ही चढ़ूनी ने राजनीतिक मैदान में उतरने की बात की थी।

चढूनी पर कई पर सवाल उठे

तीनों कृषि कानूनों की अगुवाई कर रहे गुरनाम सिंह चढ़ूनी के फैसलों पर कई बार सवाल खड़े हुए। उन्होंने मिशन पंजाब का पहला फैसला लिया। इसमें पंजाब चुनाव में भाजपा का विरोध करने और किसानों के चुनाव लड़ने की बात कही थी। संयुक्त किसान मोर्चा ने इस पर आपत्ति जताई थी। उनको सस्पेंड भी किया था। 

इस वजह से रहे सुर्खियों में

  • गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने उत्‍तर प्रदेश लखीमपुर खीरी उपद्रव मामले में भाजपा कार्यकर्ता के घर योगेंद्र यादव के जाने पर निष्‍कासित की मांग की थी। उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
  • करनाल के बसताड़ा टोल प्‍लाजा पर लाठीचार्ज के बाद महापंचायत करके लघु सचिवालय घेराव किया।
  • अंबाला शंभू टोल प्‍लाजा पर समय-समय पर आंदोलनकारियों के बीच जाते रहे।
  • सिंघु बार्डर पर भी सक्रिय भूमिका निभाई।

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