रिटर्न दाखिल न करने वाले कारोबारियों के रद होंगे नंबर, 10 तक मौका फिर जुर्माना Panipat News
3 बी के बाद जीएसटीआर-1 लगातार दो माह दाखिल न करने पर ई-वे बिल बनना बंद होगा। सही तरीके से कारोबार करने वाले कारोबारियों को लाभ मिलेगा।
पानीपत, जेएनएन। 10 जनवरी तक जीएसटीआर-1 रिटर्न फाइल करनी होगी। जीएसटी काउंसिल ने यह आखिरी मौका दिया है। इसके बाद निल रिटर्न पर 20 रुपये और अन्य रिटर्न दाखिल न करने पर 50 रुपये रोजाना जुर्माने का प्रावधान किया गया। जीएसटीआर-1 रिटर्न दाखिल करने का लाभ सीधे-सीधे खरीदारों को मिलेगा। जो रिटर्न मिस मैच होने की वजह से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) को लेकर परेशान रहते हैं।
जीएसटी को लागू हुए ढाई वर्ष बीत चुके हैं। अब तक भी रिटर्न मिस मैच की समस्या खत्म नहीं हो रही। बड़ी संख्या में माल बेचने के बाद व्यापारी अपना जीएसटीआर-1 रिटर्न नहीं भरते। ऐसा न होने से खरीदार उस खरीद को अपनी रिटर्न में दिखा नहीं पाते। जीएसटीआर-1 दाखिल न होने से उनके जीएसटीआर-2 ए में यह इसकी इनवाइस नजर नहीं आती। इसके चलते जीएसटी में उनकी आइटीसी फंस जाती है। ऐसे मामलों में नियम 3694 में अधिकतम 20 फीसद आइटीसी की सीमा तय किए जाने के बाद से ही काफी विरोध शुरू हो गया था। इस मामले में जीएसटी ने एक ओर 20 फीसद को घटाकर 10 फीसद कर दिया है। जीएसटी ने अब तक सभी जीएसटीआर-1 रिटर्न 10 जनवरी 2020 तक फाइल करने के निर्देश दिए है।
दो माह जीएसटीआर-1 दाखिल नहीं तो नहीं बनेगा ई-वे बिल
उप आबकारी काराधान आयुक्त आरआर नैन ने बताया कि अब तक दो माह लगातार 3 बी रिटर्न फाइल न करने पर ई-वे बिल जेनरेट न होने के निर्देश थे, लेकिन अब इसे जीएसटीआर-1 के साथ जोड़ दिया है। अब लगातार दो माह जीएसटीआर-1 रिटर्न फाइल न किया गया तो भी ई-वे बिल जेनरेट होना बंद कर दिया जाएगा।
सही काम करने वाले कारोबारियों को फायदा : जैन
टैक्स सलाहकार सीए संजय जैन का कहना है कि इसका लाभ उन कारोबारियों को मिलेगा जो सही तरीके से कार्य करना चाहते हैं। विभाग ने अब रिटर्न न दाखिल करने वालों के नंबर भी रद करने शुरू कर दिए हैं।