Move to Jagran APP

जीएसटी फर्जीवाड़े में एक के बाद एक पर्दाफाश, इन फार्मों का भी नाम आया सामने

920 करोड़ से जीएसटी फर्जीवाड़े में 23 फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है। पुलिस ने फर्जीवाड़े के इस मामले को लेकर एसआईटी टीम भी गठित कर चुकी है।

By Edited By: Published: Sun, 10 Mar 2019 10:01 AM (IST)Updated: Mon, 11 Mar 2019 01:18 AM (IST)
जीएसटी फर्जीवाड़े में एक के बाद एक पर्दाफाश, इन फार्मों का भी नाम आया सामने
जीएसटी फर्जीवाड़े में एक के बाद एक पर्दाफाश, इन फार्मों का भी नाम आया सामने

पानीपत, जेएनएन। स्टेट गुड्स एवं सर्विस टैक्स (सीजीएसटी) ने दो और फर्जी फर्मों को पकड़ा है। इनके खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। 920 करोड़ से जीएसटी फर्जीवाड़े में 23 फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है। पुलिस ने फर्जीवाड़े के इस मामले को लेकर एसआईटी टीम भी गठित कर चुकी है। दो स्तरों पर इन फर्जी फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। 450 करोड़ के फर्जीवाड़े में शामिल फर्मों के खिलाफ केंद्रीय जीएसटी की टीमें जांच कर रही है। जबकि 470 करोड़ के फर्जीवाड़े में शामिल फर्मों के खिलाफ स्टेट जीएसटी की जांच चल रही है।

loksabha election banner

स्टेट जीएसटी 23 ऐसी फर्जी फर्मों की मामला दर्ज करवा चुकी है जिनका अता पता नहीं लग पा रहा। ताजा मामले में पवन पांडे प्रोपराइट सन सेल्स कॉरपोरेशन मॉडल टाउन गवर्नमेंट स्कूल दुकान नंबर-11 के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। इस नाम की फर्म जीएसटी में रजिस्टर्ड है। करोड़ों रुपये की बिलिंग की गई है। जिसका का कई फर्मों को इनपुट टैक्स मिलेगा।

नहीं मिली फर्म
इस फर्म की विभागीय अधिकारियों ने जांच की तो मौके पर इस नाम की फर्म चलती नहीं मिली। जिस दुकान मालिक की रेंट डीड आन लाइन दी गई। वह भी फर्जी मिली। प्रापर्टी मालिक स्वतंत्र कुमार सिंह का एफीडेविट भी गलत मिला। रिकार्ड में जो मोबाइल नंबर दिया गया, वह गलत मिला। आबकारी कराधान अधिकारी रणबीर सिंह की शिकायत पर पुलिस ने पवन पांडे के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया।

कार चालक के नाम बना डाली करोड़ों की फर्म
कार चालक योगेश शर्मा के नाम से दिल्ली के व्यापारी ने करोड़ों का कारोबार करने वालेी फर्म बना डाली। गणेश ट्रेडिंग कंपनी के नाम से बनाई इस फर्म का एड्रेस बिहोली (समालखा) दिखाया गया। कंपनी का जीएसटी में रजिस्ट्रेशन आॅनलाइन लिया गया। इस कंपनी के माध्यम से करोड़ों रुपये की बिलिंग जीएसटी के तहत की गई। इनपुट टैक्स के क्लेम भी कई फर्मों ने इस फर्म की बिलिंग के आधार पर लिए।

दिल्ली का एड्रेस दर्ज था फर्म में
विभागीय जांच में जब इस फर्म का मौका मुआयना किया गया तो बिहोली में इस नाम की कोई फर्म ही नहीं मिली। योगेश शर्मा नाम का व्यक्ति भी इस गांव में नहीं मिला। फर्म रजिस्ट्रेशन में योगेश का दिल्ली का एड्रेस भी दर्ज था। केशव पुरम नार्थ वेस्ट दिल्ली स्थित उसके एड्रेस पर समन भेजा गया। साथ उसके बैंक स्टेट बैंक में मेल की गई। पांच फरवरी को योगेश शर्मा अधिकारियों से मिला उसने एफिडेविट देकर कहा कि कोई फर्म रजिस्टर्ड नहीं करवाई। जनेंदर कुमार सिसोदिया पुत्र बख्तावरपुर दिल्ली ने उससे पैन कार्ड, बैंक पास बुक, पासपोर्ट साइज फोटो लिए। उसे दो लाख रुपये का लोन दिलाने की बात कही।

दो लाख का दिया था चेक
09 अक्टूबर को उसने बैंक आफ इंडिया का दो लाख का चेक भी दिया। जो फेल हो गया। जनेंदर ने ही उसके नाम से जीएसटी में फर्म रजिस्टर्ड करवाई। पुलिस ने आरोपित के नाम मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। साढ़े सात करोड़ की रिकवरी उप आबकारी कराधान आयुक्त राजाराम नैन ने बताया कि फर्जी फर्मों से बिल लेकर इनपुट टैक्स का लाभ लेने वाली पानीपत की फर्मों से अब तक विभाग साढ़े सात करोड़ रुपये की रिकवरी कर चुका है। इन फर्मों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज करवाए गए हैं। जिनमें झज्जर, बहादुरगढ़, दिल्ली, महाराष्ट्र व रेवाड़ी में बि¨लग की है। इन शहरों के व्यापारी इनपुट टैक्स का क्लेम किया जाएगा। इन शहरों के विभागों को सूचना दी जा चुकी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.