यमुनानगर की इन महिलाओं के जज्बे को सलाम, ग्रामीणों से कपड़े लेकर मुफ्त तैयार किए मास्क
यमुनानगर सूरज स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अनोखी पहल की है। समूह की महिलाएं ग्रामीणों से सूती कपड़े लेती हैं। बदले में उन्हें मास्क दिए जाते हैं। इसमें से ही कुछ मास्क को वह बेच भी रही हैं। जिससे आमदनी का भी जरिया हो रहा है।
यमुनानगर, जेएनएन। कोरोना वायरस के चलते मास्क की मांग काफी बढ़ गई है। मास्क की आपूर्ति करने के लिए हरिपुर कम्बोयान की महिलाओं के स्वयं सहायता समूह ने अनोखी पहल शुरू की है। लॉकडाउन में यह पहल हुई थी। इसके तहत समूह ने सूती कपड़े लाओ मास्क ले जाओ, गांव बचाओ कार्यक्रम शुरू किया था।
इसके तहत समूह की महिलाएं ग्रामीणों से सूती कपड़े लेती हैं। बदले में उन्हें मास्क दिए जाते हैं। इसमें से ही कुछ मास्क को वह बेच भी रही हैं। जिससे आमदनी का भी जरिया हो रहा है। सूरज स्वयं सहायता समूह की प्रधान रिजू ने बताया कि लॉकडाउन में घर में भी खाली बैठी थीं। दूसरा इस आपदा के समय में अपने स्तर से लोगों की मदद की जाए, इसलिए ही समूह की महिलाओं ने यह योजना बनाई थी। लॉकडाउन में मास्क बनाने में प्रयोग होने वाले कपड़े व प्लास्टिक की दुकानें भी बंद हैं। इसलिए ही ग्रामीणों से सूती कपड़ा लेकर मास्क तैयार करने का कार्य शुरू किया। जिसमें ग्रामीणों का काफी सहयोग मिला था।
डिटोल व फिटकरी से करते हैं सैनिटाइज
ग्रामीण जो सूती कपड़ा देते हैं। उसको डिटोल व फिटकरी के घोल में धोकर एंटी बैक्टीरियल करते हैं। फिर उससे मास्क तैयार किए जाते हैं। मास्क में कपड़े की तनी बांधने के लिए लगाई जाती है। गांव के लगभग सभी लोगों को यह मास्क दिए गए। इन मास्क को धोकर दोबारा प्रयोग में लाया जा सकता है।
गरीबों को दिए जा रहे निश्शुल्क
ग्रामीणों को यह मास्क निश्शुल्क दिए जा रहे हैं। इसके साथ ही गांव से बाहर से भी दुकानदारों के ऑर्डर समूह को मिल रहे हैं। जिन्हें काफी कम कीमत पर यह मास्क दिए जा रहे हैं। शुरुआत में ग्रामीणों को निश्शुल्क मास्क दिए। बाहर से ऑर्डर मिलने लगे। वहां पर कम कीमत में मास्क दिए गए। अब भी मास्क बनाने का कार्य चल रहा है। यह समूह पहले भी स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्लास्टिक फ्री अभियान से जुड़ा हुआ है। समूह की महिलाओं ने कपड़े से कैरी बैग बनाए थे। लोगों को प्लास्टिक बैग के स्थान पर कपड़े के बैग दिए गए थे। अब गांव में कोई भी प्लास्टिक बैग का प्रयोग नहीं करता है।
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