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जींद में गहराया संकट, एक साल में 89 सेंटीमीटर गिरा भू जल स्तर, बड़े किसान हैं जिम्मेदार

सबसे ज्यादा भूमिगत जल का दोहन धान की फसल में हो रहा है। प्रदेश सरकार कपास मक्का मूंग व अन्य फसलें लेने वाले किसानों को प्रति एकड़ सात हजार रुपये प्रोत्साहन राशि भी दे रही है। इसके बावजूद किसान धान की फसल नहीं छोड़ रहे।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 02:58 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 02:58 PM (IST)
जींद में गहराया संकट, एक साल में 89 सेंटीमीटर गिरा भू जल स्तर, बड़े किसान हैं जिम्मेदार
जींद में सबसे ज्यादा जल स्तर सफीदों ब्लॉक में 1.59 मीटर गिरा।

जागरण संवाददाता, जींद। जिले में भूमिगत जल स्तर पिछले एक साल में 89 सेंटीमीटर गिर गया। जून 2020 के सर्वे के अनुसार जिले का औसतन भूमिगत जल स्तर 15.42 मीटर था। जो जून 2021 सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार गिर कर 16.31 मीटर पर पहुंच गया। सबसे ज्यादा जल स्तर सफीदों ब्लॉक में 1.59 मीटर नीचे गया। वहीं जींद ब्लाक में 1.42 मीटर जल स्तर नीचे चला गया।

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लगातार गिर रहा जल स्तर चिंताजनक है। सबसे ज्यादा भूमिगत जल का दोहन धान की फसल में हो रहा है। प्रदेश सरकार जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए धान की फसल छोड़ कपास, मक्का, मूंग व अन्य फसलें लेने वाले किसानों को प्रति एकड़ सात हजार रुपये प्रोत्साहन राशि भी दे रही है। लेकिन इसके बावजूद किसानों का धान की फसल से मोह भंग नहीं हो रहा। जिले में इस साल करीब 1.40 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई हुई है। अलेवा ब्लाक में तो भूमिगत जल स्तर 31.09 मीटर पर जा चुका है। अलेवा ब्लॉक में भूमिगत जल स्तर ज्यादा गहराई में जाने के कारण बिजली निगम ने ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए सूक्ष्म सिंचाई विधि अपनाने की किसानों पर शर्त लगा दी है। 

जुलाई में सामान्य से ज्यादा बारिश, होगा फायदा 

इस साल जून और जुलाई के पहले पखवाड़े में जिले में बहुत कम बारिश हुई। जून में कम बारिश होने से किसान ट्यूबवेल पर ज्यादा निर्भर रहे। इससे भूमिगत जल स्तर का तेजी से दोहन हुआ। जुलाई के दूसरे पखवाड़े में जिले में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार, इस बरसाती सीजन में अच्छी बारिश की उम्मीद है। जिससे जल स्तर में कुछ सुधार होने की आस है। 

व्यर्थ बह रहा बरसाती पानी

हर साल बरसाती पानी सीवरों में व्यर्थ बह जाता है। जींद शहर की ही बात करें, तो पिछले दिनों हुई बारिश से कई जगह तीन से चार फीट तक पानी भरा हुआ था। भूमि में पानी का रिचार्ज सिस्टम ना होने से ये पानी सीवर लाइनों में बह गया। कुछ पार्कों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तो लगे हुए हैं। लेकिन इनकी सही से देखभाल नहीं होने से पानी जमीन में रिचार्ज नहीं होता। 

ब्लॉक जून 2020        जून 2021        अंतर

जींद        19.52 20.94 -1.42

अलेवा 31.07 31.09 -0.02

जुलाना 4.17         4.91          -0.74

नरवाना 7.49         7.35          0.14

उचाना 16.40 16.96 -0.56

सफीदों 15.29 16.88 -1.59

पिल्लूखेड़ा 5.85          7.05 -1.20

उझाना 23.53 25.27 -1.74

औसतन 15.42 16.31 -0.89

10 साल में अलेवा में साढ़े 10 और जींद में साढ़े 7 मीटर गिरा जल स्तर

जींद ब्लॉक में पिछले 10 साल में भूमिगत जल स्तर करीब साढ़े सात मीटर नीचे गया है। अलेवा ब्लाक में साल 2011 में 20.62 मीटर पर जल स्तर था, अब 31.09 मीटर पर पहुंच गया है। उचाना में साल 2011 में 13.17 मीटर पर भूमिगत जल स्तर था। अब 16.96 मीटर पर पहुंच गया। सफीदों में साल 2011 में 9.66 मीटर पर भूमिगत जल स्तर था। अब 16.88 मीटर पर पहुंच गया है।

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