गुरु तेगबहादुर के नाम से बनेगा जिले में सरकारी मेडिकल कालेज, उत्तर प्रदेश व हिमाचल के लोगों को भी मिलेगा लाभ
गुरु तेगबहादुर के नाम से यमुनानगर में सरकारी मेडिकल कालेज उत्तर प्रदेश व हिमाचल के लोगों को लाभ भी मिलेगा। 30 अक्टूबर को मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च डायरेक्टर अमनीत कौर ने अधिकारियों के साथ किया था जमीन का मुआयना।
यमुनानगर, जेएनएन। यमुनानगर में बनने वाला सरकारी मेडिकल कालेज गुरु तेगबहादुर के नाम पर होगा। इसके लिए आधिकारिक आदेश जारी हो गए हैं। साथ ही जगह पर भी फाइनल हो गई है। पांजूपुर में जिस जगह का प्रस्ताव जिला प्रशासन की ओर से भेजा गया था। वह फाइनल हो गई है। अब जल्द ही मेडिकल कालेज का निर्माण शुरू हो सकेगा।
जिला प्रशासन की ओर से पांजूपुर में पंचायती जमीन का प्रस्ताव मेडिकल कालेज के लिए भेजा गया था। 30 अक्टूबर 2021 को मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च डायरेक्टर अमनीत कौर ने टीम के साथ इस जमीन का निरीक्षण किया था। हालांकि इससे पहले जिला प्रशासन की ओर से सेक्टर 22-23 में अधिग्रहित जमीन पर मेडिकल कालेज बनाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन बाद में सरकार ने स्टैंड बदल दिया और निशुल्क जमीन तलाशने के आदेश दिए थे। जो जमीन अधिग्रहित की गई थी। इस जमीन के लिए एचएसवीपी को भुगतना करना होगा। इस बदलाव के बाद पांजूपुर व रूलाखेड़ी में जमीन देखी गई, लेकिन सबसे सही पांजूपुर की जमीन लगी, क्योंकि मेडिकल कालेज के लिए जमीन सिविल अस्पताल से 10 किलोमीटर के एरिया में होनी चाहिए और करीब 10 एकड़ पंचायती जमीन होनी चाहिए। इस हिसाब से पांजूपुर की जमीन की उपयुक्त बैठ रही है। यहां पर करीब 20 एकड़ जमीन पंचायती जमीन खाली पड़ी है।
325 करोड़ खर्च करने की सरकार की प्लानिंग
मेडिकल कालेज के निर्माण के लिए करीब 325 करोड़ रुपए का बजट है। इसके लिए केंद्र व प्रदेश सरकार से जरूरी अनुमति पहले ही मिल चुकी है। सरकार चाहती है कि इस सरकारी मेडिकल कालेज की सर्विस 2023 तक मिलनी शुरू हो जाए। इससे क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी। इसका फायदा जिले के लोगों के साथ-साथ आसपास के उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश के लोगों को भी होगा। प्रदेश के अन्य जिलों से भी मरीजों के लिए भी यहां पर सुविधाएं होगी। इसके साथ ही यहां आसपास के लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
यमुनानगर विस से विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने बताया कि सरकार ने जिले के लिए बड़ी सौगात दी है। इसका फायदा जिले के लोगों को ही नहीं, बल्कि बाहर के लोगों को भी होगा। पांजूपुर के लिए जमीन भी फाइनल हो चुकी है। अब सभी बाधाएं दूर हो गई है। कोशिश रहेगी कि जल्द से जल्द यहां पर निर्माण कार्य शुरू हो।