किसानों के लिए अच्छी खबर, मालामाल कर रही कपास, दो गुनी हुई कीमत, जानिए आज का भाव
कपास के दामों में तेजी आई है। कपास के भाव बढ़ने से किसानों में खुशी है। कपास किसानों के दाम साढ़े आठ हजार तक पहुंच रहे हैं। वहीं पिछले साल ये कीमत चार हजार से लेकर 5500 तक गई थी। इस बार कीमत और ज्यादा जाने की उम्मीद है।
जींद, जागरण संवाददाता। फसलों के भाव में तेजी की वजह से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। सफेद सोना कहे जाने वाली कपास 8000 से 8500 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रही है। जिस कारण इस बार किसान सरकार को समर्थन मूल्य पर कपास बेचने के बारे में सोच भी नहीं रहे। कपास का समर्थन मूल्य 5825 रुपए प्रति क्विंटल है जबकि मार्केट भाव साडे ₹8000 के आसपास चल रहा है। पिछले सीजन में कपास के भाव 55 सौ से लेकर ₹6000 तक रहे थे और उसे पिछले साल 4000 से ₹5500 के भाव तक कपास भी की थी इस बार फसलों के ऊंचे भाव मिलने की वजह से किसान मालामाल होंगे।
भाव में तेजी के बाद बावजूद अगले साल रकबा घटने का खतरा
जब किसी फसल के भाव में तेजी आती है, तो उसका रकबा बढ़ता है। लेकिन कपास के मामले में उससे उल्टा है। इस बार कपास की फसल में गुलाबी सुंडी ने काफी तबाही मचाई है। जींद, हिसार, फतेहबाद समेत कई जिलों में गुलाबी सुंडी की वजह से कपास की फसल में 50 से 60% तक नुकसान पहुंचा है। किसानों का कहना है कि अगर गुलाबी सुंडी पर नियंत्रण नहीं पाया जाता है, तो किसानों का कपास की फसल से मोह भंग हो सकता है।
नुकसान नहीं होता, तो 80 हजार से लाख तक बचत होती
पास की फसल भी अगर बीमारी ना आए तो प्रति एकड़ 30 से 35 मण यानी 12 से 14 क्विंटल तक उत्पादन हो जाता है अगर ₹8000 भाव मिले तो फसल की प्रति एकड़ कीमत ₹80000 से ₹100000 तक हो जाती है। लेकिन गुलाबी सुंडी की वजह से कपास की फसल में काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं पिछले माह हुई बारिश की वजह से भी बहुत से एरिया में कपास की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। किसानों का कहना है कि अगर गुलाबी सुंडी का तोड़ निकाल दिया जाए तो किसान धान की फसल की बजाय कपास की फसल को प्राथमिकता देगा। जिससे पानी की भी लागत कम होगी।