ड्रग लाइसेंस के बिना ग्लूकोमीटर-थर्मामीटर-नेब्यूलाइजर बिक्री अवैध
मेडिकल डिवाइस रूल्स-2017 व भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) प्रमाणन के तहत डिजिटल मेडिकल डिवाइस को निर्धारित मानकों पर खरा उतरना होगा।
जागरण संवाददाता, पानीपत : डिजिटल ग्लूकोमीटर, थर्मामीटर, नेब्यूलाइजर और ब्लड प्रेशर जांच मशीन जैसी मेडिकल डिवाइस, मेडिसिन की श्रेणी में शामिल हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से लाइसेंस लिए बिना इनकी बिक्री अवैध है। विभागीय अधिकारियों की नजर उन दुकानों पर हैं, जहां ऐसी डिवाइस कालांतर में बिकती रही हैं।
जिला औषधि नियंत्रक विजया राजे राठी ने जागरण को बताया कि अप्रैल-2020 में गाइडलाइन आ चुकी है। मेडिकल डिवाइस रूल्स-2017 व भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) प्रमाणन के तहत डिजिटल मेडिकल डिवाइस को निर्धारित मानकों पर खरा उतरना होगा। उत्पादन के लिए कंपनियों को ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीसीजीआइ)नई दिल्ली से लाइसेंस होता है। मशीनों में किसी भी तरह की गड़बड़ी या गलत रीडिग देने पर राज्य औषधि विभाग कार्यवाही कर सकेगा। बिक्री के लिए जिला औषधि नियंत्रक के यहां लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा। जिनके पास दवा बिक्री का लाइसेंस है, ऐसे विक्रेता डिवाइस बेच सकते हैं।
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने एमआरआइ, सीटी स्कैन मशीन, डिफीब्रीलेटर, डायलिसिस, एक्सरे मशीन जैसी करीब आठ मशीनों को भी रेगुलेट करने की तैयारी कर ली है। अन्य मेडिकल उपकरणों को भी सरकार ए, बी, सी, डी कैटेगरी में विभाजित कर मॉनिटरिग की जाएगी।
ऑनलाइन ट्रेडिग पर नहीं अंकुश
जिले में दवा के लगभग 250 थोक, 900 खुदरा विक्रेता हैं। डिजिटल ग्लूकोमीटर, थर्मामीटर, नेब्यूलाइजर और ब्लड प्रेशर जांच मशीन जैसी मेडिकल डिवाइस ये बेच सकते हैं। कालांतर में ये मेडिकल डिवाइस मॉल व इलेक्ट्रोनिक गैजेट्स की दुकानों पर भी बिक्री होती रही हैं। अब विभाग ऐसी दुकानों पर औचक छापामारी करेगी।