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एक ऐसा बैंक, जहां भरपेट खाना मिलता है...स्‍टेशन से यूं हुई थी शुरुआत

प्रदेश के नौ शहरों में चल रहा है रोटी बैंक। खाने के लिए पैसे नहीं देने पड़ते। अगर आप सहयोग करना चाहते हैं तो जरूर कर सकते हैं। शादियों में करते हैं अपील, खाने को खराब न करें।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Fri, 26 Oct 2018 05:04 PM (IST)Updated: Fri, 26 Oct 2018 05:05 PM (IST)
एक ऐसा बैंक, जहां भरपेट खाना मिलता है...स्‍टेशन से यूं हुई थी शुरुआत
एक ऐसा बैंक, जहां भरपेट खाना मिलता है...स्‍टेशन से यूं हुई थी शुरुआत

जेएनएन, पानीपत। बैंक केवल पैसे जमा कराने और निकलवाने वाला ही साधन नहीं होता। एक बैंक ऐसा भी है, जहां पर भरपेट खाना भी मिलता है। ये बैंक किसी को निराश नहीं लौटाता। इसका नाम है रोटी बैंक। हर रोज दस हजार लोगों को फ्री खाना खिलाया जा रहा है। रोटी बैंक की शाखाएं हिसार में, एक सिरसा में, फतेहाबाद, भिवानी, जींद, कैथल, रोहतक, पानीपत, बहादुरगढ़, चंडीगढ़ में हैं। जल्द ही इनका विस्तार पूरे प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा। शीघ्र ही दिल्ली में भी संस्था की और शाखा खोली जाएगी।

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इससे पूर्व हाल ही में रोटी बैंक की 11वीं शाखा जीएमसीएच सेक्टर 32 चंडीगढ़ में खोली गई थी। चंडीगढ़ में रोटी बैंक को 1 अक्टूबर से प्रारंभ किया गया। इसके अलावा एक टीम द्वारा सेक्टरों में घूम-घूम कर यह प्रचार भी किया जाएगा कि किसी पार्टी, शादी व किसी समारोह में खाना बचता है तो वह बेकार न जाए। उसे रोटी बैंक को दिया जाए ताकि वे उसे आगे जरूरतमंदों में बांट सकें। रोटी बैंक के चेयरमैन बलविंद्र नैन ने बताया कि इस रोटी बैंक में सुबह और शाम दोनों वक्त असहाय लोगों को खाना खिलाया जाता है।

इस तरह हुई शुरुआत

असल में शादी समारोह में बचे हुए खाने को लेकर एक दिन बलविंद्र नैन रेलवे स्टेशन पर असहाय लोगों को देने के लिए गए। खाना खत्म हो गया मगर पेट भरने के इंतजार में कुछ लोग देखते ही रह गए। बलविंद्र ने रेलवे स्टेशन पर ही एक स्टॉल संचालक को उन लोगों को खाना खिलाने के लिए कहा। उसी दिन से बलविंद्र ने शहर में असहाय लोगों को खाना खिलाने की ठान ली और रोटी बैंक के नाम से एक संस्था का निर्माण किया।

बलविंद्र नैन ने इस रोटी बैंक की शुरूआत 9 सितम्बर 2016 से की। हालांकि वह वर्ष 2005 से कावडिय़ों तथा पैदल यात्रियों के लिए लंगर लगाते रहे हैं। भीषण गर्मी के दिनों में उन्होंने निशुल्क जलसेवा का अभियान चलाया है। मौजूदा समय की बात करें तो प्रदेश के 9 शहरों में रोटी बैंक चल रहा है जिसमें रोजाना तकरीबन 10 हजार लोग खाना खाते है।

केरल के लिए की थी मदद

मूलरूप से गांव दनोदा खुर्द निवासी बलविंद्र बताते है कि ऐसे तो हर व्यक्ति सामाजिक कार्य से जुड़ा रहता है। मगर किसी भी भूखे इंसान को अगर दो वक्त का खाना मिल जाए तो इससे बड़ा दूसरा कोई धर्म या कर्म नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से हम अपने घर में पहली रोटी गाय की निकालते हैं, उसी तरह से अगर दूसरी रोटी को रोटी बैंक के लिए निकालें तो इसमें कई असहाय लोगों का पेट भरा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हाल ही में केरल में भयंकर बाढ़ आई थी जिसके लिए रोटी बैंक संस्था की ओर राहत सामग्री भी भेजी गई। 

roti bank member

रोटी बैंक के सदस्‍य बैठक करते हुए।

रोजगार भी दे रहे

रोटी बैंक के साथ-साथ उन्होंने दर्जनभर से ज्यादा लोगों को स्वरोजगार मुहैया करवाने में मदद भी की हैं। हिसार में कुछ लोगों को चाय की स्टॉल शुरु करवाई है। रोटी और रोजगार के अलावा वह असहाय लोगों के लिए दवाइयां मुहैया करवाते रहे हैं। इसी कड़ी में उनकी संस्था के द्वारा कई बार मेडिकल कैंप का आयोजन किया जा चुका है। बलविंद्र कहते है कि युवाओं को अपने कैरियर के साथ-साथ समाज सेवा की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। क्योंकि जब हमारा युवाओं को समाज की जमीनी हकीकत के बारे में जानकारी नहीं होगी तब तक वह इस दिशा में नहीं सोचेंगे। उन्होंने कहा कि समाज सेवा के कार्य करने से वह गलत संगत में नहीं जाएंगे।

चिकित्‍सक भी नियुक्‍त किया

बलविंद्र नैन ने बताया हिसार में रोटी बैंक की कई शाखाओं में एक चिकित्सक भी नियुक्त किया गया है, जहां जरूरतमंदों को प्राथमिक उपचार करके दवाइयां दी जाती हैं। इसके अलावा हर सप्ताह एक सैलून वाले की सेवाएं भी ली जाती हैं, जो असहाय लोगों के बालों की कटिंग व शेव करते हैं ताकि वह भी अपनी साफ-सफाई अच्छे से रख सकें।

दिल्‍ली में खुलेगी 12वीं शाखा

समाज सेवा के इस कार्य में प्रशासन का सहयोग रहता है बिना प्रशासन के सहयोग के सब संभव नहीं होता। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही रोटी बैंक की 12वीं शाखा दिल्ली पीरागढ़ी के आस-पास बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह हम पहली रोटी गाय माता के लिए बनाते हैं उसी तरह दूसरी रोटी रोटी बैंक के लिए निकालनी चाहिए।


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