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औद्योगिक नगरी में वर्चस्‍व कायम करने में जुटे अपराधी, हाईटेक हो रहे गैंगेस्‍टर

27 साल में पानीपत दिल्ली करनाल सोनीपत में हत्या रंगदारी और लूट के 33 वारदात कर चुके हिस्ट्रीशीटर सोनू मालपुरिया की अवैध हथियारों से फायरिंग की वीडियो ने पुलिस की उड़ाई नींद।

By Edited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 07:03 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 12:35 PM (IST)
औद्योगिक नगरी में वर्चस्‍व कायम करने में जुटे अपराधी, हाईटेक हो रहे गैंगेस्‍टर
औद्योगिक नगरी में वर्चस्‍व कायम करने में जुटे अपराधी, हाईटेक हो रहे गैंगेस्‍टर

पानीपत, [विजय गाहल्याण]। औद्योगिक नगर पानीपत में अब गैंगस्टर वर्चस्व कायम करने के लिए हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे लोगों को खौफजदा करने और गैंग की जड़े मजबूत कायम रखने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। मोबाइल फोन से धमकी देना उन्हें कानून के पचड़े में डाल सकती है। इसलिए वे हथियारबंद गुर्गों के साथ खड़े होकर वीडिया वायरल करते हैं। मकसद है गैंग का खौफ बनाकर रंगदारी वसूलना है। ऐसे ही गैंगस्टर सोनू उर्फ सुरेंद्र शहरमालपुरिया ने अवैध बंदूक और पिस्तौल से दनादन गोलियां बरसाने की सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आई है। मामला बापौली थाने में दर्ज किया गया है। 27 साल में सोनू पानीपत, दिल्ली, सोनीपत, करनाल, गुरुग्राम गन्नौर, गोहाना और रोहतक में हत्या, लूट और अपहरण की 33 वारदात कर चुका है। वे दिसंबर 2018 से जेल से बाहर हैं। उम्र की ढलान पर होने के बावजूद वे हथियारों की नुमाइश कर अपराध की दुनिया में धमक दर्ज कराना चाहता है। गैंगस्टर पुलिस के लिए चुनौती बने हैं। कहीं से बड़ी वारदात के तो संकत नहीं हैं। सीआइए-टू अवैध हथियारों का जखीरा बरामद करने के लिए सोनू के पीछे पड़ी है। 

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11 मामलों में हो चुका है बरी

गैंगस्टर सोनू मालपुरिया खुद तो राजनेता नहीं बन पाया, लेकिन राजनेताओं के साथ उसका उठना-बैठना खूब है। नेताओं के साथ तस्वीर खींचवा कर फेसबुक पर खूब डाल रखी हैं। बाहुबल की जरूरत पडऩे पर राजनेता भी उनका सहारा लेते हैं। 

वे जेल में रहते हुए भी पत्नी को गांव की सरंपच बनवा चुका है। बाहुबल के दम पर वे 11 मामलों में बरी भी हो चुका है। इसमें 1994 में दिल्ली के अलीपुर में दर्ज हत्या, 1995 में सोनीपत में हत्या के प्रयास और 1997 में समालखा थाने में हत्या के प्रयास का मामला शामिल है। 

माफिया की वजह से टोका उद्योग सिमटा 

समालखा का टोका उद्योग देश में प्रसिद्ध था। माफिया की नजर इस उद्योग पर पड़ी। वे उद्यमियों से मंथली और रंगदारी मांगने लगे। उद्यमी भयभीत हो गए। उन्होंने धंधा समेटना शुरू कर दिया। वर्ष 2000 तक टोका उद्योग 100 फैक्ट्रियों से सिमट कर 25 फैक्ट्रियों तक रह गया। इस क्षेत्र में गैंगस्टर दिनेश चुलकाना, सोनू मालपुरिया, राजेश मालपुरिया और जगबीर आट्टा का दखल रहा है। 

जेल से कर रहे हैं गैंग को ऑपरेट 

सिवाह के गैंगस्टर प्रसन्न उर्फ लंबू जींद और राकेश उर्फ पंपू पानीपत जेल से गैंग को ऑपरेट कर रहे हैं। वे जेल से ही वीडियो बनाकर फेसबुक पर अपलोड कर चुके हैं। राकेश पर तो गत दिनों जेल में मोबाइल रखने का सेक्टर-29 थाने में मामला दर्ज है। वहीं लंबू का नाम लेकर शराब ठेकेदार को पीटने व धमकाने के मामले में उसके दो गुर्गों को पुलिस गिरफ्तार भी कर चुकी है। इन मामलों की जांच सीआइए-टू कर रही है। 

जिले में नए और पुराने हिस्ट्रीशीटर गैंगस्टरों पर नजर रखी जा रही है। साइबर सेल भी सक्रिय है। हिस्ट्रीशीटर सोनू मालपुरिया को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। अवैध असलहे भी जब्त किए जाएंगे। जिले की जनता को डरने की जरूरत नहीं है। बदमाशों से सख्ती से निपटा जाएगा। 

मनीषा चौधरी, एसपी   


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