चूर्ण में नशीली दवाइयां मिलाकर बेचने वाली गैंग का भंडाफोड़, ऐसे बनाते थे लोगों को शिकार
हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो अंबाला यूनिट ने नशा तस्करों पर बड़ी कार्रवाई की है। आरोपित अश्वगंधा दालचीनी अरहड से बनाए चूर्ण में मिलाते थे नशीली दवाईयां। फिर मध्यप्रदेश व राजस्थान में हर मर्ज की दवा बताकर बेचते थे।
करनाल, जागरण संवाददाता। अश्वगंधा, दालचीनी, अरहड व अन्य सामान के चूर्ण में नशीली दवाईयां मिलाकर मध्यप्रदेश व राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में हर मर्ज की दवा के तौर पर बेचने के गौरख धंधे का हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने भंडाफोड़ किया है। ब्यूरो की अंबाला यूनिट ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। जिनसे 32 किलोग्राम ऐसा पीसा हुआ चूर्ण बरामद हुआ है। आरोपित कैथल के रहने वाले हैं।
32 किलो ग्राम पिसी हुई नशीली दवाइयां बरामद
सब इंस्पेक्टर बलवान सिंह, सब इंस्पेक्टर गुरनाम सिंह, हवलदार नरेश कुमार व सतीश कुमार की टीम नीलोखेडी-कारसा रोड पर गांव पूजम के बस स्टाप पर गश्त कर रही थी। इसी दौरान सूचना मिली थी कि आरोपित सीलू शर्मा वासी गांव बिछिया जिला कैथल व सोनू शर्मा वासी गांव जाखोली जिला कैथल नशीली दवाओं से तैयार चूर्ण दूसरे राज्यों में बेचने का गौरख धंधा करते हैं। सूचना के आधार पर टीम ने आरोपितों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया और उनके कब्जे से 32 किलो ग्राम पिसी हुई नशीली दवाइयों का चूर्ण बरामद किया।
ऐसे बनाते थे शिकार
ब्यूरो के मुताबिक आरोपितों से पूछताछ की तो पता चला कि वे पंसारी से अश्वगंधा, दालचीनी, अरहड व अन्य सामान खरीदकर उसका चूर्ण बना लेते हैं और उसमें दर्द निवारक व अन्य नशीली दवाईयां मिलाकर खुराक तैयार कर लेते थे। इसके बाद वे इसे मध्य प्रदेश व राजस्थान के गावों में डाक्टर बनकर जाते थे और यह चूर्ण हर मर्ज की दवा बताकर बेच देते थे। जो भी व्यक्ति इनके द्वारा दी गई इस दवा का सेवन करता था वह इसमें नशीली दवाई होने के कारण आराम महसूस करता था और धीरे-धीरे उन व्यक्तियों को इसकी आदत पड जाती थी । ऐसे में वे इसे अपनी मर्जी अनुसार किसी भी दाम पर बेचते थे। फिलहाल आरोपितों से पूछताछ की जा रही है, जिसमें उनसे और भी रहस्योद्वाटन हो सकता है।