कुश्ती में फर्जीवाड़े का खेल, फर्जी आधार कार्ड बनवाकर जीते पहलवान, माफी मांग भागे
पानीपत में कुख्ती प्रतियोगिता फर्जीवाड़े का खेल सामने आया है। फर्जी आधार कार्ड बनाकर पहलवान जीते। जब फर्जीवाड़ा सामने आया तो माता-पिता का मोबाइल नंबर मांगा गया। इसके बाद माफी मांगकर भागना पड़ा। मामला शिवाजी स्टेडियम में हुई प्रतियोगिता का है।
पानीपत, [विजय गाहल्याण]। रोहतक का एक, सोनीपत के दो खिलाड़ी अपने जिलों में हुई कुश्ती में हार गए थे। इन तीनों तिकड़मबाज पहलवानों ने पानीपत कुश्ती दल में शामिल होने के लिए फर्जी आधार कार्ड बनवा लिए। शिवाजी स्टेडियम में हुई प्रतियोगिता में वजन भी दे दिया और दो पहलवानों को हराकर जीत भी गए। 80 किलोग्राम में अक्षित नामक पहलवान ने सींक गांव का वासी बताकर और 110 किलोग्राम में अंकित ने खुद को भालसी गांव का निवासी बताया। स्थानीय पहलवानों को पटकनी दी। हारे हुए पहलवान ने भंडाफोड़ कर दिया। शिकायत में बताया कि अक्षित तो रोहतक का रहने वाला है।
जिला कुश्ती एसोसिएशन के सचिव धर्मबीर सिंह और दिलबाग खर्ब ने पहलवानों के आधार कार्ड और राशन कार्ड मांगे। माता-पिता के नाम व मोबाइल नंबर मांगे, ताकि उनसे बात हो सके। दो पहलवान फर्जी चचेरे भाई भी ले आए, लेकिन वे आधार कार्ड में दर्ज फर्जी माता-पिता का नंबर नहीं दे पाए। आयोजकों ने फटकार लगाई और पुलिस के हवाले करने की चेतावनी दी तो फर्जी पहलवान गिड़गिड़ाने लगे और माफी मांगी कि भविष्य में वे ऐसी गलती नहीं करेंगे। इसके बाद स्टेडियम से भाग गए। तीनों के आधार कार्ड एसोसिएशन ने अपने पास रख लिए हैं।
अपने ही जिले में भाग ले सकते हैं पहलवान
जिला कुश्ती एसोसिएशन के तकनीक सलाहकार एवं पूर्व अंतरराष्ट्रीय कुश्ती कोच प्रेम ङ्क्षसह आंतिल ने बताया कि सोनीपत में हारने वाले पहलवान फर्जी राशन कार्ड व आधार कार्ड के जरिये पानीपत में प्रतियोगिता में भाग लेने आते हैं। 2019 में भी ऐसे तीन पहलवान पकड़े गए थे। नियम ये है कि जिला स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता में जिले के ही पहलवान शिरकत कर सकते हैं।
दूसरे जिलों के पहलवानों पर आनलाइन डाटा से लगाम लगाएंगे
जिला कुश्ती संघ के जिला प्रधान कर्ण सिंह पूनिया ने बताया कि दूसरे जिले के पहलवान फर्जी दस्तावेज के जरिये जिला कुश्ती प्रतियोगिताओं में खेलने आते हैं। ऐसे पहलवानों पर लगाम लगाएंगे। पहलवानों का डाटा आनलाइन किया जाएगा।