बिटक्वाइन में निवेश कर मुनाफे के झांसे में आया बीएसएफ के एएसआई का परिवार, ठगे गए 74.50 लाख
पानीपत में Bitcoin में निवेश कर मोटे मुनाफे के झांसे में आकर बीएसएफ के एएसआई के परिवार से करीब 75 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। ठग ने एएसआइ की पत्नी उसके भाई और भाई के दोस्त को ठगा। ठगने वालों में हवलदार ससुर साला और दामाद शामिल।
पानीपत, जेएनएन। बिटक्वाइन (Bitcoin) में निवेश कराने का झांसा देकर 74.50 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। ठगी करने का आरोप जमींदार व स्कूल संचालक के बेटे, दिल्ली पुलिस के हवलदार और हवलदार के बेटे पर लगा है। एएसआइ की पत्नी, उसके भाई और भाई के दोस्त से रुपये ठग लिए गए। शहर थाना पुलिस ने रोशनी देवी की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है। आरोपितों ने पांच फीसद मुनाफे का झांसा दिया था। इसमें आकर अपनी मूल रकम भी गंवा बैठे।
गांजबड़ गांव के सुरजीत राठी बीएसएफ में एएसआइ हैं। इस समय बिशन स्वरूप कालोनी में रह रहे हैं। उनकी पत्नी रोशनी देवी ने पुलिस को शिकायत में बताया कि उनका भाई सोनीपत के मुडलाना गांव का चरण सिंह पहले सोनीपत में पढ़ता था। उसी दौरान भाई की सोनीपत के रायपुर के मनोज कुमार से दोस्ती हो गई थी। मनोज कुमार ने भाई को झांसा दिया कि उसके पास बिटक्वाइन ट्रेडिंग का लाइसेंस है। जुलाई और अगस्त 2019 में भाई से 28 लाख रुपये बिटक्वाइन में निवेश कराए।
कुल राशि का पांच प्रतिशत हर महीने मुनाफा देने का वादा किया। 3 अगस्त, 2019 को मनोज अपने ससुर दिल्ली पुलिस के हवलदार सोनीपत भांवर गांव के जोगिंद्र सिंह और साले रोहित उर्फ रिंकू के साथ उनके घर, पानीपत आया। उनसे भी 19.50 लाख रुपये निवेश कराने के नाम पर ले गया। मनोज ने भाई चरण ङ्क्षसह के दोस्त सोनीपत के आहुलाना गांव के सुमित मलिक से 27 लाख रुपये ले लिए। रुपये लेने के 10 दिन बाद ही उक्त आरोपितों ने मोबाइल फोन बंद कर लिए। इसके बाद न उनके रुपये लौटाए और न ही मुनाफा दिया। उनके साथ धोखाधड़ी कर ली। आरोपित अब जान से मारने की धमकी देते हैं।
ठग ने स्कूल मालिक और 108 एकड़ जमीन के मालिक का बेटा बताया
ठग मनोज ने झांसे में लेने के लिए बताया कि उसके पिता रमेश कुमार 108 एकड़ जमीन के मालिक हैं। उनका खेडू गुर्जर गांव में जय भारत सीनियर सेकेंडरी स्कूल, कुंडली बॉर्डर पर हाईवे गैराज है। उसकी अनंत फ्रेश लिमिटेड, केडीएएस टेक्नालाजी और प्राफिट पाइरेट के नाम से कंपनी है। चरण सिंह को गारंटी के तौर पर 22 लाख, चार लाख और 4.60 लाख रुपये के चेक दिए। इसी तरह से रोशनी देवी को 9 और 5 लाख रुपये के और सुमित को 18 लाख रुपये के चेक दिया। ये चेक बाउंस हो गए।
ससुर हवलदार, इंस्पेक्टर बता फर्जी चेक दिए
चरण ङ्क्षसह ने बताया कि मनोज के गांव जाकर पता किया तो उनका स्कूल व जमीन भी है। मनोज कहता है कि स्वजन जमीन में हिस्सा नहीं दे रहे हैं। कई बार पंचायत हुई, लेकिन आरोपित ने रुपये नहीं लौटाए। मनोज ने उन्हें बताया था कि उनके ससुर बिजेंद्र सिंह दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर पद पर तैनात हैं। बिजेंद्र ङ्क्षसह के नाम से 27 लाख, सुमित को 23 और उनकी बहन रोशनी को 19.50 लाख रुपये के चेक दिए। चेक छह महीने में बैंक में लगाने को बोला। 3 जुलाई, 2020 को उसने व सुमित ने बैंक में चेल लगाए तो बाउंस हो गए। मैनेजर ने बताया कि चेक के हस्ताक्षर का मिलान नहीं हो रहा है। छानबीन की तो मनोज के ससुर का असल नाम जोगिंद्र है। जोगिंद्र दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर की बजाय हवलदार है। जोगिंद्र ने किसी बिजेंद्र की चेकबुक से चेक निकालकर उन्हें दिए थे।
करनाल, जींद और सोनीपत के लोगों को भी ठगा
पीडि़त रोशनी देवी का आरोप है कि मनोज ने ससुर व साले के साथ मिलकर बिटक्वाइन में ट्रेडिंग के नाम पर सैकड़ों लोगों के साथ ठगी कर रखी है।जींद, करनाल, सोनीपत के गंगाना सहित कई प्रदेशों के लोग ठगी का शिकार हो चुके हैं।
रोशनी देवी की शिकायत पर थाना शहर पुलिस ने आरोपित मनोज, उसके ससुर जोगिंद्र और साले रोहित के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
सतीश कुमार, वत्स, डीएसपी मुख्यालय।